बालों पर रसायनिक ट्रीटमेंट लेने के बाद ब्यूटीशियन तथा कंपनी द्वारा सुझाए गए परहेज तथा उपाय नहीं मानने पर बालों का टेक्सचर खराब हो जाता है। लोग अपने बालों की कलरिंग, स्ट्रेटनिंग, पर्मिग तथा रीबॉन्डिंग आदि करवा लेते है। इन सभी प्रक्रियाओं में बालों पर कई तरह के रसायन प्रयोग में लाए जाते हैं जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बालों पर रसायनों का प्रभाव न पड़े इसके लिए इस तरह के ट्रीटमेंट लेने के बाद खास ख्याल रखा जाना होता है।
झाड़सा रोड स्थित ग्रेस एंड ग्लैमर सलोन की संचालिका व ब्यूटी एक्सपर्ट प्रिया कालरा ने बताया कि किस तरह बालों का ख्याल रखा जाना चाहिए –
– बालों को धूल, मिंट्टी व प्रदूषण से बचा कर रखें।
– बालों पर सिर्फ रिकमेंडेड शैम्पू तथा कंडीशनर ही उपयोग में लाएं।
– बालों की नियमित तेल से मालिश करें।
-बालों को भाप दें।
– भोजन में फल, हरी सब्जियां तथा प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें।
– अगर बाल बहुत ज्यादा डैमेज हो गए हैं तो उसके लिए किसी ट्रेंड हेयर एक्सपर्ट से स्पा, रीन्यूसी अथवा प्राकृतिक उपचार लिए जा सकते हैं। प्राकृति उपचार इसके लिए ज्यादा कारगर होते हैं इसमें रीठा, आंवला तथा शिकाकाई के अलावा दही व अंडे जैसी चीजें प्रयुक्त होती हैं। इन सभी ट्रीटमेंट की कीमत 900 रुपए से शुरु होती है।
– इन सब के अलावा बाजार में अब कई ऐसी तकनीक विकसित हो गई हैं जिनके माध्यम से स्टाइलिंग भी हो जाती है व रसायन भी कम प्रयुक्त होते हैं।
बेहतर है शाइन बॉन्डिंग व किरेटिन
”अब कई कंपनियों ने अपने बेहद कम रसायनों वाले प्रोडक्ट उतार दिए हैं। ऐसे में लोग शाइन बॉन्डिंग व किरेटिन जैसी विधियों से बालों की स्ट्रेटनिंग करवाते हैं। किरेटिन बालों का प्रोटीन होता है तो ऐसे में बाल भी सीधे हो जाते हैं और बालों को प्रोटीन भी मिल जाता है। लोग इस विधि से बालों को सीधा करवाने में रुचि दिखा रहे हैं।”
– प्रिया कालरा, संचालिका ग्रेस एंड ग्लैमर सलोन
”मैने भी बालों पर दो बार स्ट्रेट थैरेपी करवाई है लेकिन किरेटिन व शाइन बॉन्डिंग का परिणाम बहुत अच्छा देखने को मिल रहा है। मैंने अपनी सहेलियों को भी इसके बारे में बताया है।’