लाइफस्टाइल डेस्क: यौन उत्पीड़न के मामले और इस पर टिप्पणियां एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इसके चर्चाओं में रहने के कारण भी हैं। इस बार आरोपी और पीड़ित, दोनों ही हाई-प्रोफाइल और पढ़ी-लिखी सोसाइटी से ताल्लुक रखने वाले हैं।
हाल ही में ‘तहलका’ के पूर्व एडिटर-इन-चीफ तरुण तेजपाल पर एक महिला पुलिसकर्मी ने भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसके अलावा, महिला आयोग की एक सदस्य द्वारा लड़कियों पर विवादित टिप्पणी ने तूल पकड़ लिया है। हालांकि, बाद में उन्होंने इसके लिए माफी भी मांग ली। हम आज आपको यौन उत्पीड़न से जुड़ी कुछ खास बातों से रूबरू करा रहे हैं।
कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए कई कड़े क़ानूनी प्रावधान किए गए हैं, ताकि महिलाएं पूरी गरिमा के साथ, निश्चिंत होकर काम कर सकें।
क्या है यौन उत्पीड़न…
स्पर्श, आलिंगन, चिकोटी काटना, हाथ पकड़ना या इससे आगे कुछ और हरकत। सेक्स की डिमांड करना। अश्लील साहित्य, चित्र आदि दिखाना। अश्लील मजाक़, शब्द, फिकरा, इशारा करना या भाव-भंगिमाएं बनाना। महिला के यौन संपर्कों को लेकर बातें बनाना।
यौन उत्पीड़न की स्थिति उत्पन्न करना, जैसे जानबूझकर पदोन्नति में अनेदखा करना, अप्रत्यक्ष दबाव डालना, धमकी देना, प्रलोभन देना, वर्तमान रोजगार या भविष्य के रोजगार को प्रभावित करने की कोशिश करना, कार्य में बाधा उत्पन्न करना, शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करना, महिला के लिए अस्वास्थ्यप्रद परिस्थितियां पैदा करना।