केजरीवाल के निशाने मे रहे दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिया इस्तीफा
Parasnath Singh
Published: December 22, 2016 | Updated: August 31, 2019 1 min read
नई दिल्ली
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने आज इस्तीफा दे दिया। नजीब ने एक पत्र जारी करके सभी को धन्यवाद दिया है । पत्र में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी शुक्रिया अदा किया है कि उन्होंने उनको सहयोग दिया। नजीब जंग ने अपनी तरफ से जारी किये गये पत्र मे कहा है कि वो अपने पहले प्यार एकेडमी की तरफ वापस जा रहे हैं । उनका डेढ़ साल का कार्यकाल अभी बाकी था । जंग के इस्तीफे के बाद जंहा दिल्ली की राजनिती मे भूचाल आ गया है तो इसके तुरंत बाद दिल्ली के अगले उपराज्यपल के नाम को लेकर अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है।
नजीब जंग ने लिखा है कि शुरू से उनकी इच्छा थी कि वो पढ़ाई लिखाई के क्षेत्र मे वापस लौट जाएं अब वो अपनी इच्छा पूरी कर रहे हैं. नजीब पहले भी वाइस चांसलर और प्रोफेसर रह चुके हैं. नजीब के अचानक दिये गये इस्तीफे पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं । बीते सालों में दिल्ली सरकार और राज्यपाल के बीच तनातनी की खबर आती रही. नजीब 2013 में उपराज्यपाल बने थे. केंद्र और दिल्ली में सरकार बदली लेकिन नजीब अपने पद पर बने रहे । इससे यह धारणा बनी कि उन्होंने कांग्रेस सरकार के बाद भाजपा सरकार का भी विश्वास हासिल किया । 2009 से 2013 तक वो जमिया मिलिया इस्लामिया के वाइस चांसलर थे ।
नजीब जंग के इस्तीफे के बाद दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, यह फैसला चौकाने वाला नहीं है. वह एकेडमिक करियर में जाना चाहते थे यह उनकी इच्छा पर है । उन्होंने शुक्रिया अदा किया है क्योंकि भाजपा स्वतंत्र तरीके से काम करती है यही कारण है कि उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया ।
नजीब जंग के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने इस्तीफे पर चिंता जताते हुए कहा, भाजपा के कहने पर उन्होंने इस्तीफा दिया है । भाजपा को जबतक उनका इस्तेमाल करना था किया. दिल्ली में माहौल बिगाड़ने के लिए उनका खूब इस्तेमाल किया गया अब उप राज्यपाल को लगा होगा कि इसमें मेरा कोई फायदा नहीं है तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया । उपराज्यपाल पर कई आरोप लगे उन पर दिल्ली में माहौल बिगाड़ने का आरोप लगा । इसका भी खुलासा जल्द हो जायेगा । अगर उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में जाना था तो पहले क्यों नहीं गये. वो वहीं से तो आये थे ।