नई दिल्ली. भारत में किशोरों का वैक्सीनेशन तेजी से जारी है. तीन जनवरी से शुरू हुए 15-18 आयु वर्ग के किशोरों के वैक्सीनेशन प्रोग्राम ने एक बड़ा टारगेट हासिल किया है. दरअसल, तीन करोड़ से अधिक किशोरों को कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा है कि 15-18 आयु वर्ग के 3 करोड़ से अधिक युवाओं को कोविड वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है. भारत में तीन जनवरी को बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ था.
इससे पहले, आठ जनवरी को दो करोड़ से अधिक बच्चों का पहली डोज के साथ वैक्सीनेशन किया गया था. स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर कहा था, ‘मेरे युवा दोस्त अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं. 15-18 साल के आयु वर्ग के दो करोड़ से अधिक किशोरों ने बच्चों के वैक्सीनेशन प्रोग्राम के एक सप्ताह से भी कम समय पहले लॉन्च होने के बाद कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है.’ वहीं, भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ 15-18 साल के आयु वर्ग के बच्चों को एक करोड़ वैक्सीन डोज पांच जनवरी को लगाई थी. ये वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू होने के तीसरे दिन ही हासिल कर लिया गया था.
वहीं, दिल्ली सरकार ने अपने अधिकारियों को राज्य के 20 स्कूलों में 15-18 साल के बच्चों के लिए अस्थायी वैक्सीनेशन सेंटर खोलने का निर्देश दिया है, जहां स्वास्थ्य क्लीनिक चल रहे हैं. शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, ‘सभी डीडीई (जिले) और डीडीई (जोन) को निर्देश दिया जाता है कि वे उन 20 स्कूलों में 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों के लिए अस्थायी वैक्सीनेशन सेंटर खोलें, जहां स्कूल स्वास्थ्य क्लीनिक चला रहे हैं.’ इसने कहा, ‘वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित करने के लिए अधिकारियों को जिलाधिकारियों के साथ समन्वय करना है. वैक्सीनेशन सेंटरों के लिए स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा अलग से पर्याप्त स्थान उपलब्ध कराया जाएगा.’
देश में 154.61 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई गई
दूसरी ओर, भारत में तेजी से लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में अभी तक लोगों को 154.61 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है. भारत में लगभग 64 करोड़ लोग फुली वैक्सीनेटेड हैं. अगर आबादी में फुली वैक्सीनेटेड लोगों के हिस्सेदारी की बात करें, तो देश में 46 फीसदी से अधिक लोग फुली वैक्सीनेटेड हो चुके हैं. वहीं, भारत में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के अभी तक 5,488 मामले सामने आए चुके हैं. देशभर के कई राज्यों में नए वेरिएंट को देखते हुए प्रतिबंध लागू किए गए हैं.