इस महिला IPS का 20 साल में 40 बार ट्रांसफर, दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है, जानिए इनके बारे में

बेंगलुरु. भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की अधिकारी डी रूपा अपने 20 साल के करियर में 40 बार ट्रांसफर ले चुकी हैं. हाल ही में बंगलूरू सेफ सिटी प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया में मल्टी करोड़ घोटाले को लेकर डी रूपा ने अपने वरिष्ठ अधिकारी हेमंत निंबलकर पर आरोप लगाए थे. इसके बाद डी रूपा का हेंडिक्राफ्ट्स इंपोरियम में ट्रांसफर कर दिया गया.

रूपा ने आरोप लगाया था कि टेंडरिंग कमिटी के चीफ होते हुए निबंलकर नियमों का उल्लंघन कर एक खास कमिटी को तरजीह दे रहे थे. वहीं निबंलकर का आरोप है कि बिना किसी अथॉरिटी के डी रूपा इस प्रक्रिया में दखलअंजदाजी कर रही हैं. इस पर रूपा ने कहा था कि उन्हें फैसला लेने के लिए प्रक्रिया का हिस्सा खुद मुख्य सचिव ने बनाया था.

बता दें डी रूपा राज्य में गृह सचिव के तौर पर कार्यरत थीं और राज्य में इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला थीं. अपने ट्रांसफर ऑर्डर के बाद डी रूपा ने ट्वीट के जरिए अपनी बात कहनी चाही. डी रूपा ने लिखा कि ट्रांसफर होना सरकारी नौकरी का हिस्सा है. डी रूपा ने आगे लिखा कि जितने साल मेरे करियर को हुए हैं, उससे दोगुना बार मेरा ट्रांसफर हो चुका है.

रूपा का कहना है कि ये मेरा व्यक्तित्व है कि मैं कुछ गलत होते हुए नहीं देख सकती. कई अधिकारी ऐसे होते हैं कि उन्हें शांति चाहिए होती है, इसलिए वो किसी मुद्दे पर बात नहीं करते लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है. मेरा मानना है कि नौकरशाहों को जहां एक्शन लेना होता है, वहां उन्हें लेना चाहिए.

तीन साल पहले डी रूपा सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की सहयोगी वी के शशिकला पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने कर्नाटक जेल में अधिकारियों के साथ अधिमान्य व्यवहार के लिए एक सौदा किया था. इस विवाद के बाद डी रूपा पर 20 करोड़ रुपये का मानहानि का केस दर्ज किया गया था.

बता दें कि डी रूपा 2000 के आईपीएस बैच की अधिकारी हैं और उन्हें दो बार (2016, 2017) राष्ट्रपति का पुलिस पदक मिल चुका है.