Success Story: छत्तीसगढ़ में शिमला मिर्च की खेती कर दो दोस्तों ने झंडे गाड़ दिए, सालभर में 50 लाख से अधिक कमाई; अब लाख रुपए महीने वाली नौकरी छोड़ने की है तैयारी

सूरजपुर. Earning lakhs from capsicum cultivation: छत्तीसगढ़ के दो युवा किसान शिमला मिर्च की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। जहां शिमला मिर्च की खेती की जा रही है, उस गांव का नाम पहाड़ गांव है। नाम सुनकर लगता है कि वहां पहाड़ होंगे और सच में वहां पहाड़ है। लेकिन यहां की धरती पर दो किसानों ने शिमला मिर्च की खेती का झंडा गाड़ दिया है और जमकर मुनाफा कमा रहें है। शिमला मिर्च की खेती ने इतना लाभ दिया की दो दोस्त मिलकर सालभर में 50 लाख से अधिक की आमदनी कर रहे हैं।

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सूरजपुर (Surajpur) जिले के पहाड़ गांव के रहने वाले दोनों दोस्त पहले कमीशन एजेंट के रूप में सब्जी बेचा करते थे, लेकिन 5 वर्ष से लोगों की जमीन लीज पर लेकर ये खुद खेती कर रहे हैं। आज ये दोनों करीब 100 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। जिसमें 50 एकड़ में सिर्फ शिमला मिर्च की खेती हो रही है। बाकी की जमीन पर पपीता और टमाटर की खेती (Farming) दोनों दोस्त करते हैं। सब्जी व्यापारी से अब किसान बन चुके विजय साहू बताते हैं “हमने 25 एकड़ में शिमला मिर्च लगाया है, ये जुलाई लास्ट में लगता है और सितंबर से इन फसल तैयार हो जाता है। जिसके बाद अप्रैल तक शिमला मिर्च की पैदावार होती है। प्रति एकड़ 5 से 7 लाख की शिमला मिर्च पैदा होती है। जिसके लिए प्रति एकड़ 2 लाख की लागत आती है। हम इस सीजन में 25 लाख कमा चुके हैं, अभी 25 लाख और आयेगा।”

विजय साहू के मित्र जितेंद्र सिंह चौहान, जो बीज कंपनी में नौकरी भी करते हैं। उन्होंने बताया कि “करीब 1 लाख रुपए महीने मेरी सैलरी है। अब नौकरी छोड़ने की सोंच रहा हूं। मैं भी खेती कर रहा हूं। खेती के लिये टाइम नहीं मिल पा रहा है। मैंने भी इनके साथ 8 एकड़ में खेती शुरू किया था। आज 40 एकड़ में खेती कर रहा हूं। कई बार नर्सरी खराब होने की वजह से लागत बढ़ जाती है। तब 2 लाख प्रति एकड़ की लागत आती है। कई बार 3 से साढ़े 3 लाख तक हो जाती है। फिर भी 50 फीसदी कमाई का अनुपात रहता है।”

दोनों दोस्त मिलकर सालभर में खेती से बंपर कमाई कर रहे हैं। 50 फीसदी नुकसान की स्थिति में भी 7 लाख प्रति एकड़ की शिमला मिर्च बेचने पर 25 एकड़ में अगर 3 लाख रुपये एकड़ का भी अनुमति लाभ माना जाये, तो इसका आंकड़ा 75 लाख से अधिक होता है। मतलब अत्यधिक नुकसान की स्थिति में भी 50 फीसदी से अधिक का मुनाफा पक्का है। ऑफ सीजन में इन्हें 50 से 60 लाख रूपये की कमाई हो जाती है। इतना ही नही इन लोगों ने करीब 250 लोगों को रोजगार दे रखा है।