- पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने दे दिए है गड़बंधन के संकेत…
- अभी बसपा की राय आनी बाकी…
जांजगीर चाम्पा (संजय यादव) छतीसगढ़ में मिशन 2018 की शुरुआत हो गई है।सभी पार्टी अपनी तरीक़े से रणनीति बना कर अपना एजेंडा बनाने में लग गए है, नेताओ की पदयात्रा शुरु हो गई,और सभी पार्टी जनता को साधने में लग गए है…
जांजगीर चाम्पा में कुल 6 विधानसभा सीटे है जिसमे इस बार सबसे कड़ा मुकाबला पामगढ़ विधानसभा का हो सकता है,यहां अभी वर्तमान में भाजपा से अम्बेश जांगडे विधायक है जो 2013 विधानसभा में अपने प्रतिद्वंद्वी बसपा के दुजराम बौद्ध को 8125 वोटो से शिकस्त दी थी, वही तीसरे नंबर पर कांग्रेस से शेषराज हरबंश रही…
काग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने तो अपनी पार्टी की स्तिथि को देखते हुए अभी से कह दिया है कि समय आने पर हम बसपा से हाथ मिला सकते है। यह बात उन्होंने ने पामगढ़ विधानसभा के केरा गांव के जन यात्रा के समापन सभा के दौरान कही थी। लेकिन दुसरी ओर अभी बसपा की ओर से बात सामने नही आई है। अगर 2018 विधानसभा में कांग्रेस पार्टी और बसपा की गड़बंधन होती है तो निश्चित ही भाजपा को बड़ा नुकसान उड़ाना पड़ सकता है।
अनुसूचित बाहुल क्षेत्र होने के चलते एस सी वोटर काग्रेस और बसपा के खाते में आ सकते है। वही बसपा का इस क्षेत्र में परंपरागत वोट बैंक है। जो अपने और खीचने में पूरा जी जान लगा देंगे। इसलिए कहा जा सकता है 2018 विधानसभा चुनाव भाजपा के एक चुनावती जरूर रहेगी। बसपा से दाऊ राम रत्नगर की वापसी भी बसपा के लिए संजीवनी का काम करेगा…