महिला कर्मचारी का आरोप- टाइट जींस और टी शर्ट में बुलाते हैं पंचायत अधिकारी… डीएम ने 48 घंटे में मांगी रिपोर्ट

गया. बिहार के गया जिला में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. पंयाचती राज विभाग में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. महिला कर्मचारी का आरोप है कि आरोपी अधिकारी उन्‍हें टाइट जींस और टी-शर्ट में ऑफिस बुलाते हैं. बताया जाता है कि पीड़िता ने इस मामले में नाम बदलकर मुख्‍यमंत्री के नाम आवेदन देकर शिकायत की है. वहीं, जिला पंचायत अधिकारी ने महिला के यौन  शोषण के आरोपों को निराधार बताते हुए उसे खारिज कर दिया है. इस बीच, कलेक्‍टर ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है. जांच कमेटी से 48 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा गया है.

जानकारी के अनुसार, पंचायती राज विभाग में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने अपने ही विभाग के बड़े अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. महिला कर्मचारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन देकर इसकी शिकायत भी की है. बता दें कि गया कलेक्‍ट्रेट में पंचायती राज विभाग का कार्यालय है. महिला कर्मचारी ने पंचायती राज पदाधिकारी राजीव कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. आरोप के बाद जिला कलेक्‍टर ने उप विकास आयुक्त सुमन कुमार की अध्‍यक्षता में जांच कमेटी गठित की है. जांच कमेटी में जिला प्रोग्राम अधिकारी, श्रम अधीक्षक के अलावा कुछ अन्य महिला अधिकारियों को भी शामिल किया गया है. दूसरी तरफ, आरोपी पंचायती राज पदाधिकारी राजीव कुमार ने कहा कि उन्‍हें फंसाया जा रहा है. उन्‍होंने दावा किया कि जिस महिला ने उनपर आरोप लगाया है, उस नाम की महिला कर्मचारी उनके विभाग में है ही नहीं.

पीड़ित महिला कर्मचारी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी राजीव कुमार पर मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ि‍त करने का गंभीर आरोप लगाया है. महिला छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया गया है. पीड़िता ने मुख्‍यमंत्री को दिए आवेन में कहा है कि आरोपी अधिकारी उन्‍हें हमेशा अपने काले शीशे वाले चैंबर में बुलाकर सामने की कुर्सी पर बैठाते हैं. साथ ही धमकी देते हैं कि वह ही उन्‍हें रख सकते हैं और चुटक‍ियों में निकाल भी सकते हैं. पीड़िता ने अपने आवेदन में लिखा है कि जिला पंचायत अधिकारी टाइट जींस और टीशर्ट पहनकर आने के लिए कहते हैं. बता दें कि महिला जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में डाटा ऑपरेटर के रूप में कार्यरत हैं.

डीएम डॉक्टर त्यागराजन एसएम ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही जांच टीम से 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजीव कुमार का कहना है कि पीड़िता के नाम को कोई कर्मचारी उनके कार्यालय में काम ही नहीं करती है. इस तरह का आरोप पूरी तरह से गलत है और हमें फसाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि महिला ने अपना नाम बदलकर सीएम को पत्र लिखा है. जांच के बाद ही इस मामले से पर्दा हटेगा.