नई दिल्ली. ठंड से ठिठुरते राजधानी दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत के लोगों को अगले चौबीस घंटे के बाद कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन इस दौरान इन क्षेत्रों में बहुत घना कोहरा छाए रहने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना पड़ सकता है। दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में सोमवार सुबह बेहद घने कोहरे से हुई और कई शहरों में तो सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता शून्य तक पहुंच गई।
शीतलहर की स्थिति में कमी आने की संभावना
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 24 घंटे के बाद शीत लहर की स्थिति में कमी आने की संभावना है। उसने कहा, ‘अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहेगा और उसके बाद इसकी तीव्रता में कमी आएगी।’
घना कोहरा रहने के हैं आसार
आईएमडी ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 24 घंटों में रात और सुबह के दौरान कुछ हिस्सों में घना से बहुत घना कोहरा जारी रहने की संभावना है। उसने कहा, ‘उसके बाद अगले 24 घंटों के दौरान अलग-अलग हिस्सों में घना कोहरा छाया रह सकता है।’
आईएमडी ने जारी की ये सलाह
आईएमडी ने कहा कि कोहरे के कारण हादसे अधिक होने की आशंका रहती है इसलिए लोगों से धीरे गाड़ी चलाने और ‘फॉग लाइट’ का इस्तेमाल करने को कहा गया है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों से संबंधित अन्य समस्याओं से पीड़ित लोगों को कोहरे के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
पश्चिमी विक्षोभ के बीच बड़ा अंतर
‘स्काईमेट वेदर’ के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, ‘दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर के कारण भीषण ठंड का लंबा दौर देखने को मिला जिस कारण बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय मैदानी इलाकों की तरह बह रही हैं।’
पलावत ने बताया कि आमतौर पर दो पश्चिमी विक्षोभ के बीच तीन से चार दिन का अंतर होता है, लेकिन इस बार यह समय ढ़कर सात दिन हो गया है। एक पश्चिमी विक्षोभ 30 दिसंबर को क्षेत्र से लौटा था और दूसरा सात जनवरी को क्षेत्र में पहुंचा।