अनोखी शादी : …जब आम और इमली बने दूल्हा दुल्हन, बैलगाड़ी पर निकली धूमधाम से बारात

सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में अनंत चतुर्दशी के शुभ अवसर पर रविवार को एक अनोखी शादी देखने को मिली है। जहां आम और इमली की शादी का कार्ड छपा कर दोनों का विवाह संपन्न कराया गया। कार्ड पर चिरंजीव रसाल (आम) और आयुष्मति (इमली) का विवाह कराया गया। विवाह के लिए बाकायदा कार्ड भी बांटे गए थे। इस कार्ड में दर्शनाभिलाषी सरकारी विभाग है, और स्वागत के लिए कठिना संरक्षण समिति का नाम छपवाया गया था।

कठिना नदी को बचाने के लिए एक मुहिम के तहत वैदिक रीति रिवाज से होने वाली यह शादी संस्कृति सभ्यता और विज्ञान का अद्भुत संगम साबित होगी। कठिना नदी को पुनर्जीवित करने के मकसद से शुरू हुआ यह अभियान अब अपने पड़ाव पर पहुंच चुका है। बता दें कि सीतापुर के पिसावा इलाके के मुल्लाभीरी बाबा स्मृति वाटिका मुस्तफाबाद में आम और इमली के विवाह संग 51 बाग स्थापित किए गए।

कार्ड छपवाकर धूमधाम से हुआ विवाह

इस बारात में 400 जानती बराती बैल गाड़ियों से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचें। 51 दंपत्ति ने विवाह की रस्में पूरी की। वहीं, मनोरंजन के लिए भी इंतजामात किए गए। अंत में इमली को विदा कर बाग में रोपा गया। उपहार में खुरपा खाद के अलावा स्प्रेयर मशीन दी गयी।

प्रभारी डीएम और सीडीओ अक्षत वर्मा ने बताया कि कठिना नदी को बचाने के लिए इस अनोखे विवाह की तैयारी काफी दिनों से की जा रही थी। आम और इमली की शादी कराने के लिए मंडप भी लगाया गया। बारातियों के भोजन की व्यवस्था सुबह से ही शुरू हो गई थी। जिसमें तरह-तरह के व्यंजन बनाए गए जैसे कि दही बड़ा, चावल, उड़द की धुली दाल, पूड़ी बूंदी परोसी गई सहित अन्य व्यंजन भी बारातियों को दिए गए।