भुवनेश्वर : ओडिशा विधानसभा के पास कीटनाशक खाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले व्यक्ति की कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई है। अस्पताल के आपातकालीन अधिकारी बी एन महाराणा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (बीकेकेवाई) के तहत इलाज नहीं मिलने के विरोध में जगतसिंहपुर जिले के कुजांग के रहने वाले दुसमंत दास ने बुधवार को विधानसभा के सामने कीटनाशक खाकर और अपनी कलाई काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दुसमंत की मौत के तत्काल बाद कटक में एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिकारियों ने बुधवार रात को शव का पोस्टमॉर्टम किया और बृहस्पतिवार की सुबह पुरी के स्वर्गद्वार श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। दुसमंत ने अस्पताल ले जाए जाने से पहले आरोप लगाया था कि पिछले साल 22 मार्च को एक सड़क दुर्घटना के बाद एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी सर्जरी हुई थी और बाद में कोविड-19 स्थिति के कारण उसे ठीक होने से पहले ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
दुसमंत ने कहा, “मेरे ठीक होने से पहले ही मुझे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी।” उसने आरोप लगाया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उसे इसलिए छुट्टी दे दी क्योंकि उसने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की थी। आत्महत्या का प्रयास करने से पहले दुसमंत ने दर्द से छुटकारा पाने के लिए इच्छामृत्यु की भी मांग की थी।
दुसमंत की मृत्यु की घोषणा करते हुए अस्पताल के आपातकालीन अधिकारी ने अस्पताल द्वारा लापरवाही के आरोप को खारिज करते हुए कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दुसमंत दास को 2020 में एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कई चोटों के साथ भर्ती कराया गया था।” महाराणा ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी और हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों की एक टीम ने दास के घायल पैर की सर्जरी की और उसे बचाया। उसे अस्पताल की ओर से सर्वोत्तम उपचार दिया गया था। महाराणा ने दावा किया कि दास को फिजियोथेरेपी के लिए एम्स, भुवनेश्वर में स्थानांतरित करने के उसके अनुरोध के कारण ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। दुसमंत के परिवार में उसके वृद्ध माता-पिता, पत्नी और तीन वर्ष की एक बेटी है।