नई दिल्ली। देशभर में ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई आज से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर कुछ शहरों में दिखना शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल के जादवपुर और ओडिसा के भुवनेश्वर में कर्मचारी संगठन सरकारी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। जबकि प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया है। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में हड़ताल से सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। जिस वजह से आम लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वाममोर्चा, कांग्रेस से संबंधित श्रमिक संघों समेत कई संघों ने केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ आज और कल दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। हालांकि इनमें भारतीय जनता पार्टी और टीएमसी से संबंधित श्रमिक संघ शामिल नहीं है। भारतीय मजदूर संघ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल में भाग नहीं रहा है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने 28 मार्च को सुबह छह बजे से 30 मार्च को सुबह छह बजे तक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
राज्य सरकारों ने हड़ताल करने वालों को चेताया-
संयुक्त मंच ने एक बयान में कहा कि रोडवेज, परिवहन और बिजली विभागों के कर्मियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। हालांकि हरियाणा और चंडीगढ़ में आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू करने की चेतावनी दी गई है। मंच ने बताया कि बैंकिंग और बीमा समेत वित्तीय क्षेत्र के कर्मी भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को अपने सभी कर्मचारियों को 28 और 29 मार्च को 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल के दौरान ड्यूटी पर आने को कहा और ऐसा नहीं किये जाने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस का जवाब नहीं देने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। एक आदेश में कहा गया है कि इस आदेश के संबंध में सभी कार्रवाई 13 अप्रैल तक पूरी की जानी चाहिए।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने भी 28-29 मार्च को व्यापार संघों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के मद्देनजर महाराष्ट्र आवश्यक सेवा रखरखाव कानून (एमईएसएमए) लागू कर दिया है, जिससे राज्य सरकार द्वारा संचालित बिजली कंपनियों के कर्मचारियों के प्रदर्शन में शामिल होने पर रोक लग गयी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र में बिजली की खपत पहले ही बढ़ गई है और राज्य में कोयले की कमी भी है। सूत्रों के अनुसार इस वक्त हड़ताल होने से किसानों, उद्योगों और आम जनता को असुविधा होगी।
बैंक का कामकाज होगा प्रभावित-
इस दो दिन की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल से बैंकों का कामकाज भी आंशिक रूप से प्रभावित होगा। बैंक कर्मचारियों की यूनियनों के एक वर्ग ने सोमवार और मंगलवार की इस हड़ताल का समर्थन किया है। इनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है।
सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि हड़ताल की वजह से उसकी सेवाओं पर कुछ हद तक सीमित असर पड़ सकता है। हालांकि एसबीआई ने आवश्यक प्रबंध करने का दावा किया। जबकि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कहा कि है कि एआईबीईए, बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) तथा ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) ने 28 और 29 मार्च को हड़ताल का नोटिस दिया है। बेंगलुरु मुख्यालय वाले केनरा बैंक ने भी कहा है कि हड़ताल की वजह से सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हो सकता है।