कोलकाता। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान पांडालों के भीतर ढोल-नगाड़े बजाने की छूट कलकत्ता हाईकोर्ट ने दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि अब पांडालों के भीतर ड्रम बजाने वालों को जाने की छूट होगी. गौरतलब है कि कोरोना महामारी को लेकर दुर्गा पूजा के दौरान कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. हाईकोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया था कि राज्य के सभी पांडाल नो-एंट्री जोन घोषित किए जाएंगे और इनमें किसी श्रद्धालु को जाने की छूट नहीं होगी. लेकिन बुधवार को कोर्ट ने एंट्री शर्तों के साथ खोल दी है. हालांकि सिंदूर खेला पर अब भी रोक जारी रहेगी.
बुधवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने राज्य में 400 पूजा आयोजकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक बार में 45 लोगों को दुर्गा पूजा पंडाल में प्रवेश की अनुमति दे दी है. कोर्ट के नए आदेश के अनुसार, अनुमति प्राप्त व्यक्तियों की सूची को दैनिक आधार पर तैयार किया जाएगा. इसके बाद सुबह 8 बजे पंडाल के बाहर लिस्ट लगानी होगी.
हाईकोर्ट ने ड्रम वादकों को भी पांडाल के भीतर परफॉर्म करने की छूट दे दी है. इसे बांग्ला में ढाकी कहा जाता है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं. पांडाल के भीतर ढोल-नगाड़े बजाए जाते हैं, जिस पर लोग नृत्य करते हैं. कोर्ट की तरफ से ढोल वादकों को कोरोना संबंधी नियम फॉलो करने की ताकीद भी की गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कोरोना काल में मुश्किलों में रहे कलाकारों पर नरमी बरतने के लिए पुलिस को आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने आदेश में कहा कि बड़े दुर्गा पूजा पंडाल जिनका क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर से अधिक है वो अधिकतम 60 लोगों तक की सूची बना सकते हैं, लेकिन एक समय में सिर्फ 45 लोगों को ही जाने की इजाजत होगी. वहीं, छोटे पंडाल में 15 लोगों को जाने की इजाजत दी जा सकती है.