कोटा। जिस शहर में डॉक्टर बनने का सपना लेकर देशभर से स्टूडेंट आते हैं, उसी शहर में संभाग के सबसे बड़े MBS अस्पताल में डॉक्टरों का एक और कारनामा सामने आया है। अस्पताल में डाॅक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पर चाकूबाजी की घटना में घायल हुए युवक फैजल के हाथ के अंदर घुसे चाकू को डॉक्टर निकालना ही भूल गए। उन्होंने हाथ के कटे हुए हिस्से में मलहम पट्टी की, टांके लगाए और युवक को अस्पताल से रवाना कर दिया। युवक के परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
इधर, चाकूबाजी की वारदात में घायल हुए युवक का दर्द कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा था। जब उससे सहन नहीं हुआ तो वह 10 दिन बाद फिर से एमबीएस अस्पताल पहुंचा। वहां पर डॉक्टरों ने युवक का एक्सरे कराया तो पता चला चाकू का एक हिस्सा हाथ के अंदर घुसा हुआ है। एक्सरे को देखने के बाद परिजन नाराज हो गए। इसके बावजूद अस्पताल में अभी युवक का चाकू निकालने के लिए कोई डॉक्टर और स्टाफ नहीं मिला।
घायल युवक फैजल के भाई शाहिद ने बताया कि 1 मार्च को उसके भाई पर कुछ युवकों ने आपसी झगड़े के चलते चाकू से हमला कर दिया था, जिसकी रिपोर्ट हमने उद्योगनगर थाने में दर्ज करवाई थी। फैजल के पेट और हाथ पर चाकू लगे थे। घायल को हम एमबीएस अस्पताल लेकर पहुंचे वहां मौजूद चिकित्सकों ने पहले दिन मामूली इलाज कर अगले दिन यानी 2 मार्च को फिर बुलवाया। जहां घायल का मेडिकल करवाने के बाद पेट पर लगे कट और हाथ पर टांके लगाकर पट्टी बांधी थी।
डॉक्टरों ने कहा था कि घाव जल्दी ठीक हो जाएगा, लेकिन फैजल के हाथ में दर्द और सूजन कम नहीं हुआ। इस पर 12 मार्च को उसके परिजन फैजल को लेकर वापस एमबीएस अस्पताल पहुंचे। वहां पर हाथ का एक्सरे करवाने पर पता चला कि टांका लगाने के बाद भी चाकू का बड़ा हिस्सा अंदर ही छूट गया है। टांका लगाने से पहले डॉक्टर इस टुकड़े को निकालना भूल गए थे।
घायल फैजल के हाथ से चाकू नहीं निकाल कर सिर्फ ऊपर से टांके लगाकर अस्पताल से रवाना करना चिकित्सकों की लापरवाही दिखाता है। परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन की ओर से इस पूरे मामले में कोई भी सफाई नहीं दी गई है।