राम मंदिर के उद्घाटन के दिन मनाई जाएगी दिवाली, हर घर-मंदिर में पांच दिए जलाने की होगी अपील

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) राम मंदिर निर्माण को सांस्कृतिक स्वतंत्रता हासिल करने के तौर पर प्रचारित कर रही है। इसलिए राम मंदिर निर्माण के दिन दीपावली मना कर सांस्कृतिक स्वतंत्रता के प्रारंभ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। विहिप का कहना रहा है कि इस देश में रहने वाले हर धर्म-समुदाय के लोग किसी न किसी रूप में हिंदू रहे हैं और उनकी पहचान भगवान राम और इस संस्कृति से रही है, संगठन हर धर्म-समुदाय के लोगों से भी इस मुहिम से जुड़ने की अपील करेगा।    

अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन के दिन पूरे देश में दिवाली मनाई जाएगी। उद्घाटन के समय अयोध्या के राम मंदिर के साथ-साथ देश के सभी मंदिरों में भी पूजा-पाठ किया जाएगा। शाम के समय सभी मंदिरों में दीपोत्सव कार्यक्रम कर दीपावली मनाई जाएगी। इसके साथ ही देश के हर समाज के लोगों से भी अपने-अपने घरों के सामने कम से कम पांच दीपक जलाने की अपील की जाएगी। यह भगवान राम की अयोध्या वापसी के तौर पर देखा जाएगा।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) राम मंदिर निर्माण को सांस्कृतिक स्वतंत्रता हासिल करने के तौर पर प्रचारित कर रही है। इसलिए राम मंदिर निर्माण के दिन दीपावली मना कर सांस्कृतिक स्वतंत्रता के प्रारंभ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। विहिप का कहना रहा है कि इस देश में रहने वाले हर धर्म-समुदाय के लोग किसी न किसी रूप में हिंदू रहे हैं और उनकी पहचान भगवान राम और इस संस्कृति से रही है, संगठन हर धर्म-समुदाय के लोगों से भी इस मुहिम से जुड़ने की अपील करेगा।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने अमर उजाला को बताया कि उद्घाटन अवसर को भव्य सांस्कृतिक-ऐतिहासिक कार्यक्रम के रूप में मनाए जाने की योजना है। उद्घाटन कार्यक्रम में एक सप्ताह तक चलेगा और इस दौरान अयोध्या में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें सामान्य लोगों के साथ-साथ विशिष्ट लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने की पूरी तैयारी की जा रही है। इसे यादगार बनाने के लिए सभी लोगों से इस दिन दीपावली मना कर इसमें सहभागिता करने की अपील की जाएगी।

पारंपरिक दिवाली की योजना

अब दीपावली के दिन इलेक्ट्रॉनिक सजावटी लाइट्स से मंदिरों-घरों को सजाने का चलन बढ़ चला है। लेकिन मंदिर के उद्घाटन के दिन लोगों से ज्यादा से ज्यादा पारंपरिक दिवाली मनाने की अपील की जाएगी। इसमें दीपक जलाकर घरों को सजाना और गौ उत्पादों से निर्मित वस्तुओं से पूजा-पाठ करना शामिल रहेगा।