नई दिल्ली। 12 से 14 साल तक के बच्चों के लिए आज से कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया है। 2008 से 2010 के बीच जन्मे बच्चों को ही यह वैक्सीन लगाई जाएगी। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के मौके पर की गई। इस आयु वर्ग के लाभार्थियों को केवल हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित कोर्बेवैक्स का टीका ही लगाया जाएगा। लाभार्थी ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी वैक्सीन लगवा सकेंगे। देश में इस आयु वर्ग के 4,74,73,000 बच्चों को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
केंद्र ने सभी राज्यों से स्पष्ट कहा है कि 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को टीकाकरण में शामिल नहीं किया जा सकता है। टीका देने से पहले उक्त केंद्र के मुख्य अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि उम्र संबंधी दस्तावेज की जांच करने के बाद ही बच्चे का टीकाकरण किया जाए। मार्च 2022 तक इनकी आयु 12 से 14 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यानि, 2008 से 2010 के बीच जन्मे बच्चों को ही यह वैक्सीन लगाई जाएगी।
आज भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन- पीएम मोदी
12 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा “अपने नागरिकों, अपने लोगों का टीकाकरण कराने के प्रयासों में आज भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन है। अब 12 से 14 वर्ष के बच्चे कोरोना टीकाकरण के पात्र हैं। साथ ही 60 साल के ऊपर के सभी नागरिक एहतियाती खुराक के लिए पात्र हैं। मैं इन आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण कराने का आग्रह करता हूं।”
28 दिन के अंतराल पर लेनी होंगी दो खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के साथ एक सूची भी साझा की है जिसके अनुसार देश में 12 से 13 साल के बीच 1,21,43,000 लड़के और 1,13,27,000 लड़कियां हैं। इसी तरह 13 से 14 साल के 1,22,50,000 लड़के और 1,14,23,000 लड़कियां हैं जिन्हें कोर्बेवैक्स की दो खुराक 28 दिन के अंतराल में देनी अनिवार्य है।
60 से अधिक उम्र वाले लगवा सकेंगे बूस्टर डोज
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को एहतियाती डोज लगाए जा रहे हैं। इसमें उन लोगों को प्राथमिकता दी जाए, जिन्हें दूसरी खुराक लिए नौ माह से ज्यादा का वक्त हो चुका है। अब तक करीब एक करोड़ 87 लाख लोगों को पहली और करीब डेढ़ करोड़ को दूसरी डोज दी जा चुकी है। ऐसे में जिन लोगों के दूसरी डोज का समय नौ माह हो चुका है उन्हें एहतियाती डोज दी जाएगी। एहतियाती डोज उसी कंपनी की दी जाएगी, जिसके दोनों डोज पहले दिए जा चुके हैं।
अधिक जोखिम वाले बच्चों पर केंद्रित रहेगा टीकाकरण
नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन (एनटीएजीआई) के कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. डीके अरोड़ा का कहना है कि हमारा प्राथमिक फोकस पहले से ऐसी बीमारियों से जूझ रहे बच्चों पर है, लेकिन ऐसा कोई डाटा उपलब्ध नहीं होने के कारण सभी बच्चों के टीकाकरण का निर्णय लिया गया है।