नई दिल्ली। आम आदमी पर लगातार महंगाई की मार पड़ रही है। रसोई गैस, खाने का तेल, साबुन, क्रीम के बाद अब आटे से बने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने वाले हैं। दरअसल, गेहूं की कीमतों पर महंगाई की मार पड़ी है। साल 2022 की शुरुआत से गेहूं के दाम करीब 46 फीसदी तक बढ़े हैं। इस साल गेहूं का एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल है। बाजार में गेहूं एमएसपी से 20 फीसदी महंगा बिक रहा है। गेहूं के महंगे होने से जल्द ब्रेड, बिस्कुट, बन और आटे से बने सामान महंगे हो सकते हैं। कंपनियां जल्दी ही इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं।
गेहूं के अधिक निर्यात और उत्पादन में संभावित गिरावट के बीच चालू रबी मार्केटिंग वर्ष में केंद्र की गेहूं खरीद आधी यानी 1.95 करोड़ टन रहने की संभावना है। सरकार की गेहूं खरीद अबतक 1.75 करोड़ टन तक पहुंच गई है और मार्केटिंग वर्ष 2022-23 में कुल खरीद 1.95 करोड़ टन रहने की संभावना है, जो पिछले वर्ष की तुलना में बहुत कम होगा। सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए गेहूं की एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय की है।
गेहूं के महंगे होने की मार आम आदमी पर पड़ेगी। बिस्कुट, ब्रेड, बन के दाम 10 से 15 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। कंपनियों गेहूं में बढ़ोतरी का भार कीमतें बढ़ाकर आम जनता पर डालेगी।
गेहूं के महंगे होने से आटा की कीमत 12 साल के हाई पर पहुंच गई है। अप्रैल महीने में आटे की औसत कीमत 32.38 रुपए प्रति किलो रही जो जनवरी 2010 के बाद उच्चतम स्तर है। देश में गेहूं के उत्पादन और स्टॉक दोनों में गिरावट आई है, साथ ही विदेशों से इसकी मांग बढ़ी है जिसके कारण भाव में उछाल आया है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में आटे की कीमत अलग-अलग है। आटे की सबसे ज्यादा कीमत पोर्ट ब्लेयर में रही। वहां औसत कीमत 59 रुपए प्रति किलोग्राम है। वहीं, बिहार के पुरुलिया में सबसे कम यह 22 रुपए प्रति किलोग्राम है। मुंबई में औसत कीमत 49 रुपए, चेन्नई में 34 रुपए, कोलकाता में 29 रुपए और दिल्ली में 27 रुपए प्रति किलोग्राम है। इस साल के शुरू से ही आटे की कीमत में तेजी देखी जा रही है। जनवरी से अब तक आटे की कीमत में 5.81 फीसदी का उछाल आ चुका है।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी एचयूएल ने शैंपू, साबुन और क्रीम की कीमतें 15 फीसदी तक बढ़ा दी थी। वहीं कंपनी ने कॉफी, केचअप, टूथपेस्ट के भाव में 4 से 13 फीसदी तक की वृद्धि की।