नई दिल्ली। हिमाचल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के 18 नवनिर्वाचित विधायक अचानक संदिग्ध हालात में लापता हो गए हैं। इसके चलते हिमाचल कांग्रेस में हड़कंप की स्थिति बनी है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि विधायकों को दूरदराज क्षेत्रों से आकर शिमला की बैठक में हिस्सा लेना है, लिहाजा देर हो सकती है। बहरहाल, कांग्रेस हाईकमान इस पूरी स्थिति पर नजर बनाए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस ने हिमाचल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आशंका जताई थी कि राज्य में लोट्स ऑपरेशन चलाया जा सकता है। इसके लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदारी दी थी कि हमारा एक भी विधायक बिकना नहीं चाहिए। साथ ही, पार्टी में गुटबाजी भी रोकने के निर्देश दिए थे।
बावजूद इसके कल मतदान के नतीजे आए, तब से सीएम पद को लेकर पार्टी के भीतर खींचतान शुरू हो गई थी। हिमाचल के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश की है। साथ ही, मुकेश अग्निहोत्री भी सीएम रेस में थे। इसके लिए सीएम पद पर सहमति बनाने के लिए आज शिमला में बैठक बुलाई गई थी।
बैठक शुरू होती, उससे पहले ही प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल की गाड़ी के सामने जमकर हंगामा किया और प्रतिभा को सीएम बनाने की मांग की। विवाद इतना बढ़ा कि प्रतिभा सिंह को मीडिया के सामने कहना पड़ा कि पार्टी के भीतर कोई भी गुटबाजी नहीं है। उनके साथ सभी कार्यकर्ता और नेता हैं। उधर, भूपेश बघेल ने भी पार्टी की गुटबाजी से जुड़े सवाल को यह कहकर टाल दिया था कि हाईकमान जिस चाहेंगे, उसे राज्य की बागडोर सौंपेंगे और हम सभी उनके फैसले का समर्थन करेंगे।
इन दोनों नेताओं के कहने के बावजूद विवाद को शांत करने का प्रयास किया गया, लेकिन बताया जा रहा है कि सीएम की दौड़ में शामिल सुखविंद्र सिंह सुक्खू शाम को होने वाली बैठक में नदारद रहे। इसके साथ ही, 18 विधायक भी बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे। हालांकि बाद में सुखविंद्र सिंह सुक्खू शिमला पहुंच गए। हालांकि बाकी के 18 विधायकों का अभी तक अता पता नहीं चल सका है।