नई दिल्ली
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने रविवार को अपने वालंटियरों के साथ एक बार फिर झाड़ू उठा ली है। इस बार मामला चुनाव का नहीं, बल्कि दिल्ली की सड़कों पर सफाई का है। दिल्ली के मंत्री और विधायक अपने वालंटियरों की मदद से दिल्ली की सड़कों पर फैली गंदगी और कूड़ा उठा रहे हैं। दिल्ली में पिछले चार दिन से एमसीडी के सफ़ाईकर्मी हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से कई इलाकों में कूड़े के ढेर लग गए हैं।
अब सड़कों से कूड़ा उठाने की ज़िम्मेदारी स्वयं दिल्ली सरकार ने ली है। एमसीडी के सफ़ाईकर्मी वेतन न मिलने के चलते हड़ताल पर हैं। दिल्ली के तीनों निगमों पर बीजेपी का कब्ज़ा है और कर्मचारियों की ये हड़ताल अब हर बढ़ते दिन के साथ सियासत का मुद्दा बन रही है। जहां एक ओर केजरीवाल सरकार का दावा है कि वह वेतन के लिए पैसा जारी कर चुकी है वहीं बीजेपी इसे गलत ठहरा रही है।
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम के एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों ने कह दिया कि अब वेतन न मिलने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। शनिवार को एमसीडी के सफाईकर्मियों के साथ ही स्थानीय बीजेपी नेताओं ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रैलियां निकालकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को ही कह दिया था कि अब वो खुद शहर की सफ़ाई का बंदोबस्त करेगी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने सड़कों पर फैली गंदगी को साफ करने के लिए शनिवार को एक टास्क फोर्स गठित भी कर दी।
दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने शनिवार को कहा, ‘बीजेपी शासित एमसीडी दिल्ली की सफाई में सक्षम नहीं है और हम दिल्ली को कूड़े का ढेर नहीं बनने देंगे। कूड़े के ढेर लगाकर बीजेपी दिल्ली के लोगों को सजा देने की कोशिश कर रही है।’