सांसद का विवादित बयान… कहा- BJP लड़कियों को पकड़-पकड़कर करा रही बलात्कार…

संभल। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन के विवादित बयान के बाद अब संभल में समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का विवादित बयान सामने आया है। समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कोरोना कोई बीमारी है ही नहीं। कोरोना अगर बीमारी होती तो दुनिया में इसका इलाज होता। यह बीमारी सरकार की गलतियों की वजह से अजादे इलाही है, जो की अल्लाह के सामने रोकर गिड़गिड़ाकर माफी मांगने से ही खत्म होगी।

एसपी सांसद ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने शरीयत से ही छेड़छाड़ नहीं की है बल्कि अपनी सरकार में लड़कियों को पकड़वाकर बलात्कार करवाने, मॉब लिंचिंग और तमाम जुल्म ज्यादतियां की हैं, जिसकी वजह से कोरोना जैसी आसमानी आफ़त सामने है। शफीकुर्रहमान बर्क ने यह विवादित बयान मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन के विवादित बयान के बाद दिया है।

दरअसल मुरादाबाद में एसपी सांसद एसटी हसन ने बयान देकर यह कहा था कि बीजेपी सरकार ने अपने 7 साल के कार्यकाल में शरीयत से इतनी छेड़छाड़ की है। जिसकी वजह से कोरोना बीमारी और आंधी-तूफ़ान जैसे तमाम आसमानी आफ़तें सामने आ रही हैं। अब सम्भल में समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क बयानबाजी में अपनी पार्टी के सांसद एसटी हसन से भी आगे निकल गए हैं। एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि उन्होंने तो पिछले साल ही यह कह दिया था की कोरोना कोई बीमारी नहीं है। करोना बीमारी होती तो दुनिया में इसका इलाज भी होता। यह तो सरकार की गलतियों की वजह से अजादे इलाही है, जिसका खात्मा अल्लाह के सामने रोकर गिड़गिड़ाकर अपनी गलतियों की माफी मांगने और दुआ करने से ही हो सकता है।

उन्होंने कहा कि हमने मुस्लिमों के लिए मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज पढ़ने और दुआ करने के लिए सरकार से मांग भी की थी लेकिन सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी। इन गलतियों की वजह से आज तमाम आसमानी आफ़तें सामने हैं। सांसद ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने शरीयत से ही छेड़छाड़ की गलती ही नहीं की है, बल्कि लड़कियों को पकड़वाकर  बलात्कार करवाए, मॉब लिंचिंग और तमाम जुल्म ज्यादतियां करने की गलती की है।

सरकार और सरकार की गलत पॉलिसियों की वजह से आज तमाम आसमानी आफतें आ रही हैं। वैक्सीन के विरोध को लेकर कहा कि वह और तमाम उलेमा और मौलवी पहले ही फतवा देकर वैक्सीन के टेस्ट को लेकर सवाल उठा चुके हैं। अगर वेक्सीन टैस्टिड है तो लगवाने में कोई गुरेज नहीं है।