नई दिल्ली। इस साल की पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही में ज्यादा नौकरियां मिलेंगी। करियर आउटलुक की रिपोर्ट बताती है कि कंपनियां इस साल की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) में पहली छमाही की तुलना में 12 फीसदी ज्यादा नौकरियां देंगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, 14 शहरों के 18 सेक्टर की 865 कंपनियों के बीच कराए कराए सर्वे में पता चला है कि दिसंबर तक 59 फीसदी कंपनियां नई भर्तियां करने के मूड में हैं। टीमलीज एडटेक के फाउंडर व सीईओ शांतनु रोज ने कहा, देश में एंट्री लेवल और फ्रेशर्स की भर्तियां करने का सेंटिमेंट तेजी से बढ़ रहा है। ज्यादातर नियोक्ता अपने साथ बड़ी संख्या में फ्रेशर्स को जोड़ना चाहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियों के बीच फ्रेशर्स को भर्ती करने का सेंटिमेंट भी 42 फीसदी पहुंच गया है, जो आने वाले सालों में और बढ़ता ही जाएगा।
इन सेक्टर्स में होंगी सबसे ज्यादा हायरिंग
पहली छमाही की तरह दूसरी छमाही में भी आईटी कंपनियां भर्ती करने के मामले में सबसे आगे रहेंगी। जुलाई-दिसंबर में 65 फीसदी आईटी कंपनियां भर्ती करने की तैयारी में हैं। इसके बाद ई-कॉमर्स का नंबर आता है, जहां 48 फीसदी कंपनियां भर्ती करने के मूड में हैं। टेक्नोलॉजी स्टार्टअप क्षेत्र की 47 फीसदी कंपनियां भी दिसंबर तक भर्ती करेंगी। इस कड़ी टेलीकॉम सेक्टर भी पीछे नहीं है और दिसंबर तक यहां भी खूब जॉब मिलेगी।
आईटी कंपनियां देंगी एक लाख नौकरियां
रिपोर्ट बताती है कि आईटी सेक्टर इस साल की दूसरी छमाही में जबरदस्त नौकरियां देगा। सर्वे में खुलासा हुआ है कि आईटी कंपनियां दिसंबर तक एक लाख फ्रेशर्स की भर्ती करेंगी। आईटी इंडस्ट्री अपने खर्च को 101.8 अरब डॉलर तक बढ़ाने की तैयारी में है। इस दौरान निर्यात में भी 8-10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट इंडस्ट्री और केंद्र सरकार की ओर से इस बार 111.58 अरब डॉलर का बजट आवंटन किया जा रहा है। टेलीकॉम कंपनियां भी 3,345 करोड़ का निवेश अपने एक्सपेंशन में करेंगी।
इन शहरों मे सबसे ज्यादा मौके
देश के किस शहर में सबसे ज्यादा नौकरियां मिलेंगी, इसका खुलासा भी सर्वे में हुआ है। बेंगलुरू में अगली छमाही तक सबसे ज्यादा 68 फीसदी नौकरियां मिलेंगी, जहां फ्रेशर्स को हायर करने पर सबसे ज्यादा जोर है। इसके बाद मुंबई में 50 फीसदी नौकरियां और दिल्ली में 45 फीसदी जॉब मिलेगी। पहली छमाही में बेंगलुरू में 59 फीसदी कंपनियों ने नौकरियां दी थी, जबकि मुंबई में 43 फीसदी और दिल्ली में 39 फीसदी कंपनियों ने जॉब दिया था।