रायपुर. छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को सरकार ने बेरोजगारी भत्त्ता देने की घोषणा की है। सरकार की तरफ से बेरोजगार तय करने के लिए नियम बनाए गए, जिस पर भाजपा ने आपत्त्ति की है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार से पूछा कि जब सब लोग अपात्र हो जाएंगे, तो भत्त्ता किसे दिया जाएगा। वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्त्ता देने का वादा ही नहीं किया गया था।
कौशिक ने कहा कि भूपेश सरकार बेरोजगार युवाओं को केवल गुमराह व छलने का काम कर रही है। 2018 में राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के 10 लाख युवाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ते की घोषणा की थी, जो अब तक अधूरी है।
भाजपा का आरोप- चुनाव देखकर बेरोजगारी भत्ता याद आ रहा
भत्त्ता के लिए पिछले चार वर्षों में कांग्रेस ने केवल समितियां बनाकर बैठकें की। अब उनको चुनाव देखकर बेरोजगारी भत्ता याद आ रहा है। कौशिक ने आरोप लगाया कि पिछले 51 महीने तक युवाओं को 2500 रुपये भत्ता नहीं दिया गया। क्या कांग्रेस का घोषणा पत्र सिर्फ आखिरी छह महीने के लिए ही था?
कौशिक ने कहा सरकार ने बेरोजगारी भत्ता के लिये जो नियम बनाया है, उसमेें परिवार का कोई भी व्यक्ति निजी या सरकारी नौकरी में है वह परिवार का युवा बेरोजगारी भत्ता के पात्र नहीं है। पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि या समर्थन मूल्य पर 75 क्विंटल धान बेचने वाले परिवार के बेरोजगार युवा भी पात्र नहीं हैंं। यह सब नियमों से स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के नाम पर केवल झुनझुना दिखाने का काम कर रही है।
भाजपा के सवालों का कांग्रेस ने दिया जवाब
वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी नीति का परिणाम है कि आज आधा प्रतिशत से भी कम बेरोजगारी दर होने के बावजूद युवाओं को कांग्रेस सरकार बेरोजगारी भत्ता देने जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिना वादा किए भी राज्य के युवाओं की आवश्यकताओं को महसूस कर बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र के अतिरिक्त जनता को राहत देने राज्य में समृद्धि लाने के लिये अनेक योजनाओं को चलाया है। कांग्रेस ने बेरोजगारी भत्ता का वादा नहीं किया, फिर भी युवाओं के हित में भत्ता देने का फैसला लिया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा पूरा नहीं किया था।