Assembly Election 2023: चाय 5.. समोसा 12 रुपये, इससे ज्यादा खर्चे तो पड़ जाएंगे लेने के देने; EC ने तय की चुनावी खर्च की रेट लिस्ट

Assembly Election 2023 Expenses: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के ऐलान के साथ ही पूरे देश में सियासत गरमा गई है। सियासी दल और सभी नेता चुनाव में जीत के लिए रणनीति तैयार करने में लग गए हैं, लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों को अपना हर कदम फूंक-फूंक कर रखना पड़ेगा। उम्मीदवारों की एक गलती उनके चुनाव लड़ने पर ग्रहण लगा सकती है। इस क्रम में चुनावी खर्च को भी ध्यान रखना होगा। चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के लिए चुनाव में खर्च करने की सीमा तय की है।

बेतहाशा खर्च मुश्किल में डाल सकता है

अभी तक आपने देखा होगा कि उम्मीदवार वोट के लिए बेतहाशा खर्च करते रहे हैं। चुनाव से पहले उम्मीदवारों के खर्च की लंबी-चौड़ी लिस्ट सामने आती रही है। बीते कई चुनावों में उम्मीदवारों के खर्च की ये राशि लाखों-करोड़ों में रही है, लेकिन अब बेतहाशा खर्च करने पर उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई करेगा। अब आपको बताते है आगामी चुनावों में किस चीज का चुनाव आयोग ने क्या रेट तय किया है।

चुनावी सभा से जुड़े खर्च

एक प्लास्टिक की कुर्सी 5 रुपए

पाइप की कुर्सी 3 रुपए

वीआईपी कुर्सी 105 रुपए

लकड़ी की टेबल 53 रुपए

ट्यूबलाइट 10 रुपए

हैलोजन 500 वॉट 42 रुपए

1000 वॉट का हैलोजन 74 रुपए

वीआईपी सोफा सेट का खर्चा 630 रुपए प्रत्येक दिन के हिसाब से जोड़ा जाएगा।

खाने का रेट तय

आम 63 रुपए प्रति किलो केला 21 रुपए प्रति किलो
सेव 84 रुपए प्रति किलो अंगूर 84 रुपए प्रति किलो
आरओ के पानी की केन 20 लीटर की 20 रुपए
कोल्ड ड्रिंक-आइसक्रीम प्रिंट रेट पर
गन्ने का रस प्रति छोटा गिलास 10 रुपए
बर्फ की सिल्ली 2 रुपए
खाना 71 रुपए प्रति प्लेट
चाय 5 रुपए
काफी 13 रुपए
समोसा 12 रुपए
रसगुल्ला 210 प्रति किलो

चुनावी अभियान के दौरान झंडे.. होर्डिंग

प्लास्टिक झंडा 2 रुपए
कपड़े के झंडे 11 रुपए स्टीकर छोटा 5 रुपए
पोस्टर 11 रुपए
कपड़ा और प्लास्टिक के वुडन कट आउट 53 रुपए प्रति फिट
होर्डिंग 53 रुपए
पंपलेट 525 रुपए प्रति हजार

कार-बस का खर्च

प्रतिदिन 5 सीटर कार का किराया 2625 रुपए
मिनी बस 20 सीटर 6300 रुपए
35 सीटर बस का 8400 रुपये
टेंपो 1260 रुपए
वीडियो वैन 5250 रुपए
वाहन चालक मजदूरी 630 रुपए प्रतिदिन

बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त की गई टीम हर जिले में उम्मीदवारों के खर्च की निगरानी करेगी। शिकायत मिलने पर जांच होगी और आरोप साबित होने पर चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा।