चीन में कोरोना वायरस फिर से पैर पसार रहा है। ओमिक्रॉन वेरिएंट के कई मामले मिलने के बाद चीन के झेजियांग इलाके में दोबारा से लॉकडाउन लगा दिया गया है। यहां एक दर्जन से ज्यादा लिस्टेड कंपनियों ने प्रोडक्शन बंद कर दिया है। 6 से 12 दिसंबर के बीच झेजियांग में कोरोना के 173 मामले मिले हैं, इन सभी में स्थानीय स्तर पर संक्रमण हुआ। सोमवार को ही चीन में स्थानीय संक्रमण के कुल 80 नए केस मिले हैं। इनमें से 74 अकेले झेजियांग से हैं।
प्रांतीय सरकार ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘निंगबो में 44 मामले, शाओक्सिंग में 77 मामले और एक बिना लक्षण का मामला और 17 मामले प्रांतीय राजधानी हांग्जो से सामने आए हैं।’
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, झेजियांग प्रांतीय केंद्र रोग नियंत्रण और रोकथाम के एक अधिकारी ने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग विश्लेषण से सामने आया कि तीन शहरों में मामले डेल्टा स्ट्रेन एवाई 4 के कारण बढ़े हैं। यह ज्यादा संक्रमणीय है और नोवेल कोरोनावायरस की तुलना में ज्यादा खतरनाक है।
स्थानीय अधिकारियों ने वायरस को और फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक समारोहों और प्रांत से बाहर यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
चीन के वुहान में दिसंबर 2019 में सबसे पहले कोरोना वायरस का पहला मामला मिला था. देखते-देखते यह पहले पूरे चीन में फैला और कुछ ही महीनों में पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ गई। कोरोना के चलते सबसे पहले चीन में ही तालाबंदी की गई थी। अभी ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामने आने के बाद फिर से कई देश पाबंदियों की राह पर चल पड़े हैं। गूगल और एपल जैसी बड़ी कंपनियों ने ऑफिस शुरू करने की योजना टाल दी है।
बता दें कि कोविड महामारी की वजह से एशिया की दो बड़ी ताकतों भारत और चीन का हिंद और प्रशांत महासागर में असर कम हुआ है। यह दावा ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में किया है। इसके मुताबिक, भारत और चीन का बाहरी दुनिया और अपने क्षेत्र में प्रभाव कम हुआ, जबकि अमेरिका ने बेहतरीन डिप्लोमैसी के जरिए अपनी पकड़ मजबूत की है। उसका इस क्षेत्र के देशों पर प्रभाव बढ़ा है।