फ़टाफ़ट डेस्क। सोना.. यानी की नींद लेना हम सबके लिए बहुत आवश्यक है.. हर इंसान अपने दैनिक जीवन में कम से कम सात से आठ घंटे सोने की कोशिश करता है.. कोई बहुत अधिक सोता है तो वो दस घंटे सो लेता है…लेकिन एक ऐसी जगह भी हैं जहाँ लोग सात या आठ घंटे नहीं बल्कि कई महीनो तक सोते रहते है… यहाँ की कहानी पढ़कर आपको रामायण काल के कुंभकर्ण की याद आ जाएगी.. क्योंकि इस गाँव के लोग सोने के लिए मशहूर है…
यह गाँव है उत्तरी कजाकिस्तान में और इसका नाम है कालाची.. इस गाँव में लोग रहस्यमयी तरीके से सो जाते है.. साल 2010 में इस गाँव के लोगो के साथ यह घटना अचानक हुई… और इसके बाद गाँव के लोगो के साथ ऐसा होने लगा… इस गाँव की आबादी लगभग 800 है और करीब बीस प्रतिशत लोग इस तरह अचानक सो जाते है… इसमें बड़े, बूढ़े, बच्चे और महिलाएं सब शामिल है.. यहाँ सबसे बड़ी बात है की लोग अचानक सो जाते है.. जैसे की काम करते हुए, खाना खाते हुए या फिर चलते हुए…
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जब कोई इंसान सो जाता है तो लोग उसे जगाने की कोशिश भी नहीं करते हैं… क्योकि अब सब समझ चुके हैं की ऐसा होना सामान्य है.. इस गाँव में जब ये घटना होनी शुरू हुई तो लोग डरने लगे… अचानक किसी का भी किसी जगह सो जाना लोगो को भयभीत करने लगा.. जब सोने वाले व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाता तो उस शख्स के शरीर की सभी क्रियाएं सामान्य होती है और सांस बढ़िया से चल रही होती…
इसके बाद जब ऐसा लगातार होने लगा तो लोगो ने अस्पताल जाना और ले जाना बंद कर दिया… और इसे सोने की बीमारी घोषित कर दी.. इस गाँव में सो जाने वाला आदमी कई हफ्ते, कई महीनो तक सोकर नहीं उठता है… सोने के बाद जब इंसान उठता है तो उसमे कुछ ख़ास बदलाव आ जाते है.. जैसे की उसके शरीर में बहुत अधिक दर्द होने लगता है, उसे कुछ याद नहीं रहता है.. और शरीर में खूब अकडन होने लगती है… हालाँकि धीरे धीरे वह सामान्य होने लग जाता है.. अब तक इस गाँव में लगभग 150 से अधिक लोग ऐसे हुए हैं जो की कई महीनो तक लगातार सोते रहे हैं…
लोगो के अचानक चलते हुए या काम करते हुए सो जाने की बात जब फैली तो वैज्ञानिकों ने इस जगह जाना सही समझा… एक दल वहां भेजा गया और उसने ये पता लगाने की कोशिश की आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.. इसमें सामने आया की गाँव में यूरेनियम माइंस की मात्रा बहुत अधिक है जिससे इनके शरीर में खास परिवर्तन होते है… इससे इन्हें नींद की बीमारी होने लग जाती है… वैज्ञानिकों ने बताया की यूरेनियम माइंस की मात्रा अधिक होने के कारण इस गाँव की हवन में कार्बनमोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक हो गई है.. इससे हाइड्रोकार्बन बहुत अधिक बढ़ जाते है और लोग अचानक सो जाते है…
इस गाँव में जब से यह बीमारी शुरू हुई है तो लोगो ने पलायन करना शुरू कर दिया है… अधिक से अधिक परिवार इस जगह को छोड़कर जाने लगे है.. लोगो का कहना है की वो अगली पीढ़ी को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहते है.. और इसी वजह से वो ऐसा कर रहे हैं…
एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक इस गाँव से लगभग 68 परिवार पलायन कर चुके हैं.. और जाकर दूसरे गाँव में बस गए हैं… दूसरे गाँव में जाने पर उनके स्वास्थ पर बुरा असर पड़ना बंद हो गया है.. इस गाँव में ऐसा क्यों हो रहा है.. इसके बारे में अभी भी वैज्ञानिक खोज कर रहे है.. अपनी इस ख़ास खूबी के लिए ये गांव दुनियाभर में मशहूर है…