लंदन: ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए जहां सरकार लॉकडाउन जैसे कड़े उपाय अपनाने का मन बना रही है। वहीं, सरकार के अपने ही उसके खिलाफ हो गए हैं। कुछ सांसदों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि यदि लॉकडाउन लगाया जाता है तो लगातार दूसरी बार लोग खुलकर क्रिसमस सेलिब्रेट नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं एक सांसद ने इस्तीफे की धमकी भी दे डाली है।
‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कोरोना के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए कड़े उपाय फिर से लागू करना चाहते हैं और इसमें लॉकडाउन भी शामिल है। हाल ही में प्रधानमंत्री ने इसके संकेत भी दिए थे, तभी से इसके लेकर लोगों में नाराजगी है। सभी जानते हैं कि ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कड़े उपाय नहीं चाहिए। खुद सरकार के अपने ही इसके विरोध में आवाज उठा रहे हैं। नाराज सांसदों ने यहां तक कह डाला है कि यदि जॉनसन ने ऐसा कोई फैसला लिया, तो उन्हें पार्टी लीडर के पद से हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कड़े फैसलों पर विचार कर रहे हैं। जिसमें इंग्लैंड के पब और रेस्टोरेंट बंद करने या फिर तुरंत लॉकडाउन लगाना शामिल है। यदि सरकार लॉकडाउन लगाती है, तो लोगों को इस बार में क्रिसमस पर अपने घरों में कैद रहना होगा, इसी का विरोध हो रहा है। पहले खबर आई थी कि जॉनसन सरकार क्रिसमस के बाद दो सप्ताह का लॉकडाउन लगाएगी, लेकिन अब सरकार पहले ही यह करना चाहती है। स्वास्थ्य मंत्री से जब इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने क्रिसमस से पहले लॉकडाउन की आशंका को खारिज करने से इनकार कर दिया।
ब्रिटेन सरकार में मंत्री ऋषि सुनक भी ऐसे उपायों के खिलाफ माने जा रहे हैं। वहीं एक अन्य मंत्री Liz Truss भी क्रिसमस से पहले लॉकडाउन पर आपत्ति जताई है। इसी तरह एक नाराज मिनिस्टर ने दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर सरकार ने क्रिसमस खराब किया, तो उन्हें मजबूरन अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। बता दें कि वैज्ञानिक लगातार प्रधानमंत्री से कड़े फैसले लेने की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यदि अभी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।
सांसदों और कैबिनेट मिनिस्टर्स के ये चेतावनी ऐसे समय आई है जब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के करीबी माने जाने वाले लॉर्ड फ्रॉस्ट ने नाटकीय रूप से ब्रेक्सिट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि वो भी कोरोना से निपटने के लिए कड़े उपायों और भारी टैक्स रेट को लेकर असहमत थे। गौरतलब है कि ब्रिटेन में कोरोना के नए वैरिएंट के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि क्या प्रधानमंत्री अपनों के दबाव में झुकते हैं या कड़े फैसले लेते हैं।