- केवल कृष्ण
गेंद उछली और धारणाओं के कोहरे को चीरती हुई निकल गई। बल्ले ने घूमकर ऐसा शाट लगाया कि अफवाहें, गलतफहमियां शीशे की तरह चूर-चूर होकर बिखर गईं। यह छत्तीसगढ़ का क्रिकेट है। दुनिया दंग है-ऐसा तो सोचा नहीं था, ऐसा तो देखा नहीं था और ऐसा महसूस भी नहीं था पहले कभी। जो कुछ भी था कल्पना से परे था। बहुत भव्य, शानदार, हैरतअंगेज, शांत, सभ्य और अनुशासित। जिस आईपीएल की तैयारी में बड़े-बड़े मेजबानों के पसीने छूट जाते हो, वह कितनी सहजता से निपट गया। राज्य बनने के बाद जो लोग कभी छत्तीसगढ़ नहीं आ पाए उनमें से ज्यादातर लोगों की कल्पना में यह इलाका अब भी वैसा ही था, जैसा उन्होंने सुन रखा था। इस कल्पना में या तो जंगल रहा, या पगडंडिया, वे लोग रहे जो अकाल से पीडित होकर महानगरों में पलायन करते रहे, वे लोग रहे जो नक्सलियों की बंदूकों से थरथर कांपते हुए अपना जीवन जी रहे हैं, सिर पर दिक्कतों की गठरी उठाए छत्तीसगढ़।…धारणाओं की सारी दीवारें भरभराकर गिर पड़ी। कुहासे से छंटकर सच्चाई सामने आई तो मिला आत्मविश्वास से दमकता हुआ सौम्य, सरल और ताकतवर छत्तीसगढ़। दो हाथों से स्वागत करने को आतुर बेखौफ लोग। जो रायपुर पड़ोसी प्रदेशों के लिए भी अनंजान था, वह दुनिया के नक्शे में सितारा बनकर दमक रहा है।
दुनिया टीवी स्क्रीन पर टकटकी लगाए इसकी ओर निहार रही है, शायद सोच रही है कि आखिर वो कौन सी चक्की है जिसकी बदौलत इसने करिश्मा कर दिखाया। जिस छत्तीसगढ़ को लोगों ने पिछड़ा कहा उसकी भव्यता के आगे महानगर फीके नजर आ रहे, जिसे डरा हुआ समझा वहां वे खिलाड़ी भी बेखौफ बाजारों और सड़कों में घूम रहे हैं, जो महानगरों में हाई सिक्यूरिटी के बिना चार कदम भी नहीं चल पाते। आईपीएल मैच के लिए आए मेहमान रायपुर के शापिंग माल में खरीदारी करते दिखे, मस्जिदों-मंदिरों में प्रार्थनाएं करते दिखे, गुपचुप के ठेलों पर अपनी आजादी का लुत्फ उठाते दिखे..यह उनके लिए हैरान कर देने वाला मंजर नहीं तो और क्या है। आईपीएल के चेयरमेन राजीव शुक्ला ने जब कहा कि अब छत्तीसगढ़ को हर साल आईपीएल की मेजबानी मिलेगी तो दुनिया ने महसूस कि यह प्रदेश कितना ताकतवर हो चुका है। सिर्फ दो महीनों की तैयारी में आईपीएल जैसे कठिन आयोजन की तैयारी सहजता से कर लेने वाले इस प्रदेश में और भी बड़े आयोजनों की ताकत है और इसीलिए राजीव शुक्ला कहते हैं कि आने वाले समय में लीग टी-20 टूर्नामेंट के एक-दो मैच की मेजबानी भी छत्तीसगढ़ को दी जाएगी। ….राजीव ये बातें यूं ही नहीं कह दी। यहां उन्होंने स्टेडियम में घूम-घूम कर देखा कि इसकी खासियत क्या है। उन्होंने देखा कि यहां वे तमाम सुविधाएं उपलब्ध है जो बड़े स्टेडियमों में भी आमतौर पर उपलब्ध नहीं हुआ करतीं। राजीव ने शायद महसूस किया कि किसी प्रदेश में ऐसे स्टेडियम को अस्तीत्व में लाने के लिए कितना मनोबल और कितने ईमानदार संकल्प की जरूरत होती होगी। इसीलिए खुले मन से उन्होंने कहा-यह स्टेडियम तो मेलबोर्न जैसा है।
यह संयोग ही है कि डेयर डेविल्स के बल्लेबाज डेविड कार्नर को भी स्टेडियम मेलबोर्न जैसा ही लगा। वैसा ही खूबसूरत और सुविधापूर्ण। कामेंट्रेटर रविशास्त्री लाइव प्रसारण के दौरान जब भी सीधे स्टूडियो से जुड़कर सुनील गावस्कर और नवजोतसिंह सिद्धू से मुखातिब होते तो कहते मैं रायपुर के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम से बोल रहा हूं, और यह उद्घोषित करते हुए उनकी आंखों की चमक देखते ही बनती थी। खिलाड़ियों और मेहमानों की लंबी फेहरिस्त है जो यहां के स्टेडियम की खूबसूरती और दर्शकों के अनुशासन पर मंत्रमुग्ध थे। दुनिया के 177 देशों में रायपुर से मैच का सीधा प्रसारण हो रहा था और एक एक दर्शक इन बातों को बार-बार सुन रहा था कि ये है नया रायपुर, ये है नया छत्तीसगढ़। इस बार यह बात न तो सरकार सुना रही थी और न ही अफसर। दूसरे देशों, दूसरे प्रदेशों से आए ऐसे लोग ये बातें कर रहे थे जिन्होंने घूम-घूम कर दुनिया देखी है।
….तो क्या वास्तव में यह सब इतना सहज रहा होगा। छत्तीसगढ़ के लोग जानते हैं कि बीते दो महीनों में इस आयोजन के लिए कितनी कड़ी तैयारी करनी पड़ी। 65 हजार दर्शकों की क्षमता वाले इस बड़े स्टेडियम में खिलाड़ियों और आम लोगों की सुविधाओं और सुरक्षा का इंतजाम सहज नहीं रहा होगा। मैच पूरे अनुशासन के साथ निपटा और इसके खत्म होने के एक घंटे बाद ही भीड़ छंट गई, यह कड़ी तैयारी का ही नतीजा है। यह प्रशासनिक तालमेल का परिणाम है। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की लगातार बैठकों से यह संभव हो पाया है। यानी छत्तीसगढ़ के अफसरों की उस क्षमता को भी दुनिया ने देखा जिस क्षमता ने इसे पिछड़े छत्तीसगढ़ से आधुनिक छत्तसीगढ़ बना दिया। दुनिया ने देखा कि सरकार जब विकास की नीतियां और योजनाएं बनाती है तो वह कागजों में ही नहीं रह जातीं।
…तो दुनिया ने बेखौफ, ताकतवर, निर्भिक और संपन्न छत्तीसगढ़ देखा। यहां की सरकार का मनोबल और नीयत देखी। यहां के अफसरों की मेहनत, योग्यता और क्षमता देखी। यहां अनंत संभावनाएं देखी। और इसीलिए अब आगे की चर्चा ये है कि इस आईपीएल के बाद यहां वन डे और टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री डा.रमनसिंह ने छत्तीसगढ़ क्रिकेट अकादमी के गठन के संकेत दिए हैं। इस बार क्रिकेट सुआ और कर्मा के साथ झूमा है आने वाले सालों में नाचेगा भी।