छत्तीसगढ़ में बकरियों के नस्ल में सुधार के लिए.. पहली बार की गई है कृत्रिम गर्भाधान की शरुआत.. पशुपालकों को मिलेगा लाभ

सूरजपुर. छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार देशी बकरियों के नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान की शुरुआत की गई है. गाय के कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था तो छत्तीसगढ़ प्रदेश में है लेकिन बकरियों के लिए यह व्यवस्था आज तक नहीं हो सकी थी. गो ट्रस्ट ऑफ लखनऊ द्वारा बकरियों के नस्ल सुधार के लिए यह कार्य देश के कई राज्यों में किया जा रहा है. उन्हीं के माध्यम से छत्तीसगढ़ में पहली बार सूरजपुर कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर सूरजपुर, भैयाथान व प्रतापपुर ब्लॉक में यह कार्य शुरू किया गया है.

बकरी पालन को बेहतर आय का जरिया बनाने के लिए शुरू की गई इस पहल के तहत अभी तक 10 से अधिक बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है. इससे पहले तक उन्नत नस्ल के बकरों को पशुपालकों को रखना पड़ता था. बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान के लिए अब सीमेन की उपलब्धता हो जाने से चार नस्ल की बकरियों का सुधार हो सकेगा. आय उपार्जक गतिविधियों के तहत इस नई व्यवस्था को लागू किया गया है.

सूरजपुर कलेक्टर दीपक सोनी द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार और आयोजक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पशुपालन विभाग सूरजपुर द्वारा बकरियों की कृत्रिम गर्भाधान का कार्य प्रारंभ कराया गया है. पशुधन विकास विभाग के उपसंचालक डॉक्टर नरेंद्र सिंह के साथ वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ सीके मिश्रा इस नवाचार में लगे हुए हैं. सरगुजा जिले में पदस्थापना के दौरान डॉ सीके मिश्रा ने पशुपालन विभाग की योजनाओं को बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर पशुपालकों को ज्यादा आय अर्जित करने सफल कार्य किया था.

बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान की शुरुआत पहले चरण में सूरजपुर, भैयाथान और प्रतापपुर ब्लॉक के 10 निजी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा. इन्हें कृत्रिम गर्भाधान का बेहतर प्रशिक्षण दिया गया गया. भविष्य में इसे सूरजपुर जिले के सभी ब्लॉकों में शुरू किया जाएगा. जिसका लाभ पशुपालको को मिलेगा.