शहर में बिना पहचान के रह रहे हजारो लोग… क्या पुलिस कर रही वारदात का इन्तजार

 

अम्बिकापुर में अन्य प्रदेशो से आकर रहने वाले लोगो का कोई हिसाब पुलिस के पास नहीं है.. शहर में सड़क किनारे बैठ कर व्यापार कर रहे लोग प्रायः अन्य प्रदेशो से आकर यहाँ रहते है..लेकिन इनकी मुसाफिरी थानों में दर्ज नहीं कराई जाती है.. अपराधो में कभी शांत रहने वाले सरगुजा में आज अपराध बढ़ रहा है..और ज्यादातर वारदातों के खुलासे में इन्ही बाहरी लोगो का नाम सामने आता है.. इसके बावजूद भी सरगुजा पुलिस बाहर से आकर रहने वाले लोगो की जांच के प्रति संजीदा नहीं दिख रही है.

शहर के बनारस चौक, पीजी कालेज के सामने, बनारस रोड में सड़क किनारे फूल- पौधे, गमले बेच रहे ये लोग पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश से आकर सरगुजा में रह रहे है.. अमूमन इन लोगो को गरीब और असहाय समझ कर ना तो समाज के लोग इन पर शक करते है और ना ही पुलिस का ध्यान इनकी ओर होता है..लेकिन क्या इन्हें नजर अंदाजा करना सही है.. या फिर पुलिस अपराध होने का इंतज़ार कर रही है..

कैमरा देख कर भाग रहे इस शख्स के भागने के कारनो का पता लगाना तो पुलिस का काम है.. लेकिन जब हम इन लोगो से जानने पहुचे की इनकी मुसाफिरी दर्ज है या नहीं तो कुछ ने कहा की नहीं पुलिस में कुछ भी दर्ज नहीं है तो एक शख्स तो कैमरा देख कर भागने लगा.. इन लोगो का कोई भी रिकार्ड पुलिस के पास नहीं है..ऐसे में इनमे से कोई अगर किसी वारदात को अंजाम देकर भाग जाता है तो पुलिस हाथ मलते रह जाएगी..लेकिन अगर पुलिस इन लोगो की मुसाफिरी दर्ज करते हुए नजर रखे तो शहर में शान्ति व्यवस्था कायम करने में खुद पुलिस को ही आसानी होगी..बहरहाल अम्बिकापुर में पूर्व में हुए अपराधो को अंजाम देने वाले आरोपियों की बात की जाए तो अधिकतर मामलो में अन्य प्रदेश से यहाँ आकर रहने वाले लोगो के नाम ही वारदात को अंजाम देने में सामने आते है लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस बाहरी लोगो पर नजर रखने से परहेज करती है परिणाम स्वरुप शांत और समृद्ध सरगुजा में दिन-ब-दिन अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है..

हालांकी जब इस मामले को लेकर जब हमने जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम कृष्ण साहू से बात की तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही सभी थाना प्रभारियो को निर्देशित किया है की एक सप्ताह तक लगातार अभियान चला कर इन लोगो की जाँच की जाए