इस समाज के पूर्वज हैं राजा रावण.. रावण दहन पर रोक लगाने उठी मांग!..

अम्बिकापुर. जिले के उदयपुर ब्लॉक के आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा महिषासुर की मूर्ति भगवान दुर्गा के साथ नही लगाने तथा रावण दहन पर रोक लगाने हेतु SDM को ज्ञापन सौंपा है. आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि महिषासुर और रावण आदिवासी समाज के पूर्वज है.. जिनका आदिवासी समाज द्वारा पूजा किया जाता है.. तथा हमारे पूर्वजों के इतिहास को तोड मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है.. और हमारे पूर्वजों के ऊपर कई तरह के आपत्ति जनक आक्षेप किया गया है.. जो उचित नहीं है हम किसी समाज के पूजा अर्चना पर रोक लगाना नहीं चाहते है बस हमारे समाज के पूर्वजों का आपत्ति जनक मूर्ति न लगाई जाए तथा रावण का दहन एवं महिषासुर का वध् न किया जाए.. आदिवासी मूल निवासी समाज के पदाधिकारियों ने सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर रावण दहन को रोक लगाने की मांग की..

ज्ञापन सौपने वालों में अशोक, नवल सिंह वरकडे़, बालसाय कोर्राम, मनबोध सिंह मरकाम, रामजीत अरमोर, विजय कोर्राम, समल सिंह अर्मो, हीरासाय वरकडे़, मसत राम कमरो, श्रवण सिंह वरकडे़, दशरथ उइके, देवलोचन उइके, भुर्री सिंह,चंदन सिंह मराबी, जयसिंह मराबी, धनसाय पोर्ते, रामलाल करियाम, ठाकुर राम ओरकेरा, धरमसिंह मरपच्ची, बाबूलाल वरकडे़,अम्बिका पोर्ते, जीत सिंह मरपच्ची, देवशंकर मराबी, गंगेश्वर श्याम, देवनारायण उइके एवं सैकड़ों के संख्या में आदिवासी मुलनिवासी महासंघ के सदस्य शामिल थे..