सांपों को मंत्र से सम्मोहित कर पूजा और उपचार की अनूठी परंपरा

नागपंचमी पर अनोखी पूजा
जांजगीर-चांपा (संजय यादव)  जिले में नागपंचमी के दिन नागों को अभिमंत्रित कर अनोखे अनुष्ठान की परंपरा निभाई जा रही है यहॉ सर्प दंश के शिकार लोगों का भी मुफ्त में ईलाज किया जाता है। यह अनुष्ठान नवागढ़ ब्लाक के पिसौद गांव में हर साल नागपंचमी पर आयोजित होता है और साल भर दवांए बांटी जाती है। नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है । हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रुप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध पिलाया जाता है। नागपंचमी के ही दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुस्ती का आयोजन होता है जिसमें आसपास के पहलवान भाग लेते हैं। गाय, बैल आदि पशुओं को इस दिन नदी, तालाब में ले जाकर नहलाया जाता है। मगर नागपंचमी के दिन जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पंचायत पिसौद में कुछ ऐसा नजारा देखने को मिलता है जिसे सुन कर आप अचंभित रह जाऐंगे और दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे।

हम इस वक्त आपको जो बता रहे हैं यह बनावटी नही है यहाँ सांपो की साधना की जा रही है और ये सारे सांप भी उतने ही सजीव और जहरीले हैं जितना स्वतंत्र अवस्था में होते हैं मगर नाग पंचमी के दिन पिसौद के जगन्नाथ स्वामी के मंदिर में पुहॅचते ही जैसे इन पर कोई आलौकिक प्रभाव होता है और ये अपने मूल गुण छोड़ कर बैगाओं के हाथों में सम्मोहित नजर आते हैं.. पिछले 20 सालों से इस परिसर में नगमत का आयोजन किया जा रहा है और इन बैगाओं के द्वारा मंदिर में पूजा अर्चना पश्चात सांपों को अभिमंत्रित कर यह नजारा दिखाया जाता है.. साथ ही यहॉ लोगों का उपचार भी किया जाता है।