मंत्री टीएस सिंहदेव ने की स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों की समीक्षा…चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना के साथ ही मिशन के आगामी पांच वर्षों के कार्यों की रूपरेखा के संबंध में दिए निर्देश!…

स्वच्छता व्यवहारों के स्थायित्व पर जोर, लोगों को प्रेरित करने अच्छे कार्यों को मिशन करेगा पुरस्कृत

रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज अपने निवास कार्यालय में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मिशन की चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की कार्ययोजना और आगामी पांच वर्षों में किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। श्री सिंहदेव ने बैठक में गांवों में स्वच्छता व्यवहारों के स्थायित्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि लोग स्वच्छता को अपनी आदत में शामिल करें, इसके लिए उन्हें लगातार प्रेरित करने की जरूरत है। गांवों के खुले में शौचमुक्त होने के बाद बेहतर साफ-सफाई के लिए अब ठोस और तरल अपशिष्ट के प्रबंधन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

श्री सिंहदेव ने बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल अपशिष्ट तथा कचरा प्रबंधन का टिकाऊ मॉडल तैयार करने कहा। उन्होंने कहा कि इन कार्यों का व्यवहारिक एवं आर्थिक मॉडल इस तरह का होना चाहिए जो इन कामों में लगे लोगों को लंबे समय तक आजीविका प्रदान कर सके। उन्होंने बड़ी संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने भारत सरकार के सामुदायिक शौचालय अभियान-2020 के तहत सामुदायिक शौचालयों का निर्माण तेजी से पूर्ण करने कहा। उन्होंने जनसुविधा की दृष्टि से सार्वजनिक स्थलों में भी पर्याप्त संख्या में शौचालय निर्माण के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि गांवों एवं जिलों में सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण को प्रेरित और इन्हें जल्द पूर्ण करने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा 15 जून से 15 सितम्बर तक सामुदायिक शौचालय अभियान-2020 संचालित किया जा रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालक धर्मेश साहू ने बैठक में बताया कि मिशन का दूसरा चरण वर्ष 2020 से 2025 तक निर्धारित है। इस दौरान गांवों में स्वच्छता आदतों के स्थायित्व, पहले चरण में छूट गए घरों में शौचालय निर्माण, दिव्यांगों के लिए सुगम शौचालय, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और फ्लोटिंग आबादी के लिए सामुदायिक शौचालयों का निर्माण प्राथमिकता से किया जाना है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने व इसे बढ़ावा देने व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों का बेहतर रखरखाव करने वालों के साथ ही विकासखंड एवं जिला स्तर पर स्वच्छता बनाए रखने अच्छा काम करने वालों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।

बैठक में बताया गया है कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के लिए 930 करोड़ 64 लाख रूपए की कार्ययोजना तैयार की गई है। मिशन द्वारा इस वर्ष ‘कोई व्यक्ति न छूटे (No one left behind)’ अभियान के तहत एक लाख 23 हजार घरेलू शौचालयों और 5043 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण का लक्ष्य है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की 3526, तरल अपशिष्ट प्रबंधन की 4130, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की 54, फिकल स्लज प्रबंधन और गोबरधन परियोजना की 28-28 इकाईयां स्थापित करने की भी कार्ययोजना तैयार की गई है।