सरगुज़ा के सीतापुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का बड़ा बुरा हाल है। मैदानी क्षेत्रों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह चरमरा गई है, जिसका खामियाजा भोले-भाले ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। उन्होंने लापरवाह स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध बीएमओ को अवगत करा कार्रवाई की माँग की है। (सीतापुर से अनिल उपाध्याय की रिपोर्ट)
प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का कितना बुरा हाल है इसका उदाहरण उप स्वास्थ्य केंद्र नवापारा में देखने को मिला। जहाँ नवापारा सलेयाडीह निवासी एक गर्भवती महिला ललिता नागवंशी का उपचार कराने परिजन उप स्वास्थ्य केंद्र नवापारा लेकर पहुँचे। महिला दर्द से काफी परेशान थी। उसे प्राथमिक उपचार की सख्त जरूरत थी, किंतु परिजनों का होश तब गुम हो गया। जब उनका सामना उप स्वास्थ्य केंद्र में सेवारत स्वास्थ्यकर्मियों के बजाए ताला से हुआ। जबकि यहाँ चार स्वास्थ्यकर्मी पदस्थ है लेकिन ड्यूटी में होने की बजाये चारो स्वास्थ्यकर्मी ताला लगाकर नदारत थे। जिसकी वजह से उपचार के अभाव में गर्भवती महिला स्वास्थ्य केंद्र के बाहर घँटों दर्द से कराहती रही।
उप स्वास्थ्य केंद्र का ये हाल देख परिजन सहित वहाँ उपचार हेतु आये ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई हेतु बीएमओ से शिकायत कर दी। मामले की गंभीरता देख जब बीएमओ ने दखलंदाजी की तब कही जाकर उप स्वास्थ्य केंद्र का ताला खोल स्वास्थ्यकर्मीयो ने गर्भवती महिला का उपचार किया।
अक्सर यहाँ ऐसा नजारा आम बात है
उप स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्था को लेकर नाराज ग्रामीणों ने बताया कि अक्सर यहाँ का यही हाल रहता है। यहाँ पदस्थ स्वास्थ्यकर्मी कभी भी समय पर उप स्वास्थ्य केंद्र नही खोलते है केवल अपनी मनमानी करते है। जब भी कोई यहाँ अपना उपचार कराने आता है उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने यहाँ की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने के लिए यहाँ पदस्थ स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानांतरण की माँग की है ताकि यहाँ स्वास्थ्य सेवा सुचारू रूप से बहाल हो सके जिसका लाभ ग्रामीणों को मिल सके।
“इस संबंध में बीएमओ अमोष किंडो ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।”