बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले में रेत का ओव्हरलोड परिवहन अब मौत का कारण बनने लगी है..हाल ही में सूरजपुर जिले के बंशीपुर रेत खदान से ओव्हरलोड रेत से लदी ट्रक की चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत हो गई है..बावजूद इसके शासन- प्रशासन ने अगर समय रहते ओव्हरलोड रेत परिवहन पर लगाम नही लगाया तो आने वाले समय में धडल्ले से चल रहे..ओव्हरलोड रेत परिवहन के कारण और भी जाने जा सकती है ..
गौरतलब है कि करीब चार दिन पहले वाड्रफनगर पुलिस चौकी क्षेत्र में एक 25 वर्षीय व्यक्ति की जान ओव्हरलोड रेत से लदी ट्रक की चपेट में आने से हो गई थी..बताया जा रहा है कि बंशीपुर रेत खदान से ट्रक ओव्हरलोड रेत लेकर उत्तरप्रदेश जा रही थी.. बता दे कि दिन दहाड़े वाड्रफनगर शहर के बीचों बीच से सैकड़ो ओव्हरलोड रेत से लदे ट्रकों का परिचालन होता है.. लेकिन स्थानीय प्रशासन की मौन स्वीकृति के चलते ओव्हरलोड रेत का परिवहन आम जनता के लिए मुसीबत का सबब बन गया है..
पुलिस थाना/चौकी, आरटीओ और खनिज चेक पोस्ट की अहम भूमिका!..
सूरजपुर और बलरामपुर जिले से रेत का परिवहन उत्तरप्रदेश किया जाता है ..यही नही ओव्हरलोड रेत से लदे ट्रक रोजाना सैकड़ो की तादाद में दोनों जिले के पुलिस थाना – चौकी के सामने से होकर गुजरती है ..इतना ही नही उत्तरप्रदेश व छत्तीसगढ़ की सीमा पर ग्राम धनवार मे परिवहन विभाग का चेक पोस्ट भी है..बावजूद इसके ओव्हरलोड रेत वाहनों पर कार्यवाही नही की जाती.. इससे ये साफ जाहिर हो जाता है ..कि आखिर यह सब किसके सह पर ?..
ओव्हरलोड परिवहन को लेकर 6 दिन तक चला था धरना!..
धनवार चेक पोस्ट के सामने कड़कड़ाती ठंड मे ओव्हरलोड रेत परिवहन के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी हुआ था..लेकिन ने प्रशासन दिखावे के लिए चंद ओव्हरलोड रेत की गाड़ियों में चलानी कार्यवाही करते हुए लिखित में आश्वासन दिया था..कि आगे इस पर रोक लगेगी लेकिन प्रशासन का वह आश्वासन महज आश्वासन ही रह गया..
बहरहाल पूरे मामले में देखने वाली बात यह रहेगी कि स्थानीय प्रशासन कब तक कंबल ओढ़कर घी खाता रहेगा.. जिसकी वजह से शासन को राजस्व का चुना लगता रहेगा..