भविष्य दृष्टि-युवा सृष्टि की शुरुआत रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय से की गई। जिसमें कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह के द्वारा बच्चों को अपने लक्ष्य की प्राप्ति कैसे करनी है अपने भविष्य को कैसे तरसना है इस बात की जानकारी एक मोटिवेशनल कार्यक्रम के रूप में दी।
कलेक्टर ने भव्य दृष्टि-युवा सृष्टि कार्यक्रम जिले में एक नई पहल के साथ शुरुआत की है. जिससे बच्चों को अपना भविष्य का चुनाव कैसे करना है इसके साथ ही अपने लक्ष्य को आसानी से कैसे प्राप्त कर सकते हैं। इसकी जानकारी महाविद्यालय परिसर में बच्चों के बीच पहुंच सरल और सौम्य तरीके से दी। उन्होंने बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि आप सभी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है आप सभी में हर चीज को जानने के लिए जिज्ञासा होना चाहिए आप सभी क्षेत्रों में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे लिए मील का पत्थर साबित होगा। हमेशा सकारात्मक सोच से आगे बढ़े, निरंतर परिश्रम करें, परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है सफलता जरूर प्राप्त होगी। उन्होंने सभी छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि लक्ष्य बड़ा रखो, क्षमता अपने आप बड़ा हो जाता है। उन्होंने छात्रों को सफलता के लिए अटूट जिज्ञासा, रुचि, अटूट मेहनत, सकारात्मक दृष्टिकोण, समय का प्रबंधन सेट होना चाहिए। कलेक्टर ने अपने मोटिवेशनल उद्बोधन में छात्रों को अपने विश्वास पैदा करने के लिए कहा तथा कभी असफलता से हार नहीं मानना चाहिए क्योंकि हारना अच्छी चीज को सिखाती है हमेशा अच्छे सोचें।
इस दौरान प्राचार्य डॉ एसएस अग्रवाल, एसडीएम रवि सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग चंद्रबेस सिसोदिया, श्रम पदाधिकारी घनश्याम पाणिग्रही, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जयसवाल, महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री सुनील अग्रवाल, प्राध्यापकगण, पत्रकारगण सहित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह ने जिले के युवाओं को संवाद के लिए नई पहल की शुरुआत की जिसमें छात्र-छात्राएं अपनी बात अपनी समस्याओं को सीधे कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से आकर संवाद कर सकते हैं। इसके लिए युवा संवाद की शुरुआत भी की। साथ ही लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आज मोटिवेशनल कार्यक्रम का आगाज महाविद्यालय परिसर से हुआ, जो यह कार्यक्रम भविष्य दृष्टि युवा सृष्टि के नाम से पूरे जिले में की जाएगी।
छात्रों के सवाल कलेक्टर के मोटिवेशनल जवाब
जिला प्रशासन का युवाओं के लिए अभिनव प्रयास के तहत चलाई जा रही भविष्य दृष्टि-युवा सृष्टि का शुभारंभ नगर के शासकीय पंडित रेवती रमण महाविद्यालय में कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह ने लगभग 600 छात्र छात्राओं के बीच छात्रों द्वारा किए गए सवाल का कलेक्टर ने मोटिवेशनल जवाब देकर भविष्य सवारने ऊर्जा का संचार किया। मोटिवेशनल उद्बोधन से पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।
प्रश्न- आईएएस आईपीएस बनने कितने समय तक पढ़ना चाहिए।
जवाब – समय आपको तय करना है अपनी क्षमता के आधार पर 5, 8 घंटे 10 घंटे हो सकता है यह आपके ऊपर निर्भर करता है। समय में आराम करिए अपने आप को विश्लेषण करें।
प्रश्न- प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कैसे करें।
जवाब- किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी 6वीं से 12वीं का पाठ्यक्रम आधार होता है, एनसीआरटी, किताब पढ़ें, एप्टिट्यूड, एनाटिकल रिजनिंग का प्रैक्टिस करें। दुनिया में क्या हो रहा है उसकी जानकारी के लिए नियमित अखबार पढ़ें।
प्रश्न- सभी विषय पर अध्ययन समान ध्यान से कैसे किया जाए।
जवाब- प्राथमिकता को सेट करें, समय निर्धारित करें।
प्रश्न- एमएससी और पीएससी की तैयारी एक साथ कैसे करें।
जवाब- पीएससी की तैयारी खाली समय में करें, समय प्रबंधन बेहतर हो।
प्रश्न – थ्योरी की तैयारी कैसे करें।
जवाब- थ्योरी अधिक पढ़ें, रिवीजन करें, ऑब्जेक्टिव बाद में बनाएं।
प्रश्न- समय का प्रबंधन कैसे करें।
जवाब- समय का निर्धारण खुद को को करना है, मस्तिष्क हमेशा चलता रहे कार्यों के बारे में निरंतर प्लान करें।
प्रश्न – पढ़ना जरूरी क्यों है।
जवाब- पढ़ाई से बहुत कुछ हो सकता है, विभिन्न क्षेत्रों में कार्य के लिए ज्ञान अर्जन अति आवश्यक है। पढ़ाई को बोझ मत बनो, जिज्ञासु बनो।
प्रश्न- गरीबी या अन्य कारणों से पढ़ाई एवं कंपटीशन नहीं कर पाते हैं
जवाब- गरीबी या अन्य पढ़ाई के लिए समस्या का कारण नहीं है। हम सभी गरीब हैं, किसान का बच्चा, रिक्शा चलाने वाला बच्चा, दर्जी का बच्चा भी बड़े प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो सकता है सिर्फ आप सकारात्मक सोच रखें । हमारे पास उसके बहुत सारे उदाहरण है।
प्रश्न – पढ़ाई के लिए वातावरण कैसे होना चाहिए
जवाब- लक्ष्य तय है तो कोई रोक नहीं सकता। आपको खुद तय करना है कौन सा मार्ग अच्छा कौन सा मार्ग बुरा है।
कलेक्टर ने आज महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को भविष्य संवारने अपने मोटिवेशनल स्पीच से ऊर्जा का संचार किया है। सभी छात्रों ने बड़े उत्साह से गड़गड़ाहट की तालियों से कलेक्टर के मोटिवेशनल स्पीच को सुन अपने मंजिल को पाने जिज्ञासा जाहिर की।