सूरजपुर। एक तरफ कोरोना वायरस ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, जिसके लिए देश में दो बार लॉकडाउन लगाया गया। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र के ग़रीब तपके के लोगों का जीवन यापन मुश्किल में पड़ गया था, हालांकि अब लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र का व्यवसाय, कामकाज पटरी पर लौट रहा है। लेकिन सूरजपुर मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम रामनगर स्थित सेंट्रल बैंक ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
दरअसल, इन दिनों सभी किसान धान पकने के बाद खेतों से खलिहान में लाकर मिसाई का कार्य कर रहे है, जिसमें उन्हें मजदूर की आवश्यकता पड़ती है। लिहाजा ये तो आम बात है कि मजदूरों को उनका मेहनताना देना पड़ेगा। जिसके लिए अब किसान बैंक के चक्कर काट रहे है, लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है, और यही सिलसिला पिछले एक सप्ताह से जारी है।
ग़ौरतलब है कि रामनगर क्षेत्र में बैंक खुल जाने से आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीणों को सुविधा मिली। उन्हें बैंक संबधी कार्यों के लिए दूर शहर बिश्रामपुर, सूरजपुर नहीं जाना पड़ता। लेकिन रामनगर बैंक की समस्याएं ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही, कभी सर्वर डाउन, तो कभी मॉडेम का प्रॉब्लम। और इसका खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे है।
क्षेत्र के कुछ किसानों ने बताया कि इन दिनों धान मिसाई का कार्य किया जा रहा है। ट्रैक्टर और अन्य वाहनों के अलावा दैनिक वेतन में मजदूर बुलाकर खेतों से धान की ढुलाई करवा रहे है। जिसके लिए उन्हें पैसे देने होते है, लेकिन बैंक से पैसा नहीं निकलने की वजह से मजदूरों को पैसा देने में असमर्थ है।
बहरहाल मैनेजर साहब ने अपनी साख बचाने के लिए तो कह दिया शिकायत दिए है, इंजीनियर आएंगे तो बनाएंगे। लेकिन उनकी बातों में वो दम नहीं दिख रहा। जिससे ये माना जा सके की वो भी इस समस्या को गंभीरता से ले रहे है। ख़ैर अब देखना होगा की, इंजीनियर कब आएंगे, और कब मॉडेम बनाएंगे।