सूरजपुर के रामानुजनगर थाना क्षेत्र के ग्राम कौशलपुर निवासी छत्रपाल साहू ने 4 दिसंबर को थाना रामानुजनगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि रूनियाडीह निवासी भुपेन्द्र विश्वकर्मा सन् 2019 में इसके दुकान रामानुजनगर आया था। जहां पर इसे एवं इसके साथियों को कई विभाग में अच्छा जान पहचान है नौकरी लगवा दूंगा कहकर उससे एवं 4 अन्य लोगों से कुल 11 लाख 86 हजार रूपये नौकरी लगवाने के नाम पर लिया और नौकरी नहीं लगवाया तथा टालमटोल करते रहा। छत्रपाल साहू की रिपोर्ट पर आरोपी भूपेन्द्र विश्वकर्मा के विरूद्व थाना रामानुजनगर में धारा 420 भादवि के तहत मामला पंजीबद्व किया गया। मामले की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर ने थाना प्रभारी रामानुजनगर को आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी के मार्गदर्शन में थाना रामानुजनगर की पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए रिपोर्ट दर्ज कर 4 घंटे के भीतर आरोपी को सूरजपुर में घेराबंदी कर पकड़ा गया और विधिवत् गिरफ्तार किया है।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी रामानुजनगर विकेश तिवारी, एएसआई बृजेश यादव, आरक्षक रामसागर साहु, अनुज यादव, मनीष साहू, धनंजय साहू, दीपक यादव, वेदप्रकाश राजवाडे व दिवान सिंह सक्रिय रहे।
बता दें कि पकड़ा गया आरोपी भूपेंद्र विश्वकर्मा इससे पहले 2017 में नकली नोट छापने के मामले में जेल की हवा खा चुका है। लेकिन जेल से बाहर आने के बाद फिर से आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय होकर ठगी करने लगा।
• जानें 2017 का कारनामा-
सूरजपुर के बाबूपारा स्थित श्रीजल राजेश्वर साहू के मकान में करंजी चौकी के रुनियाडीह, विश्वकर्मा मोहल्ला निवासी भूपेंद्र विश्वकर्मा पिता बंशीलाल (32 वर्ष) व ग्राम करवां निवासी चैन सिंह परस्ते पिता पुरुषोत्तम राम (22 वर्ष) ने किराए का कमरा लिया था। यहां से उन्होंने 100-100 के नकली नोट छापने का अवैध कारोबार शुरु किया।
वे इस नोट को ग्रामीण इलाके व छोटे-मोटे दुकानों में खपाते थे। इसी बीच सूरजपुर की तत्कालीन स्पेशल पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि 2 युवक नकली करेंसी छापने का कारोबार कर रहे हैं। सूचना मिलते ही स्पेशल पुलिस टीम ने एसएसपी आरएस नायक के निर्देश पर एएसपी एसआर भगत, सीएसपी डीके सिंह व एसडीओपी मनोज धु्रव के मार्गदर्शन में सूरजपुर पुलिस के साथ किराए के मकान की घेराबंदी कर छापा मारा।
इस दौरान पुलिस ने नकली नोट छाप रहे दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से 41 नग सदृश्य भारतीय नकली नोट तथा 6 नग एक तरफ छपा नकली नोट, कलर प्रिंटर, कैंची, बरामद किया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर धारा 489 (क)(ख)(ग) के तहत अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया था।