सूरजपुर.. वैश्विक महामारी बनकर दुनिया मे कहर मचा रही कोरोना वायरस का अंत नहीं हुआ है.. इसके नियंत्रण के लिए देश मे लॉकडाउन किया गया था.. जिसकी वजह अपना घर-द्वार छोड़कर दूसरे जगह काम कर भरण पोषण करने वाले हजारों-लाखों लोग बेरोजगार हो गए.. लेकिन अब कुछ राहत के बाद फिर से कामकाज रफ़्तार पकड़ रहा है.. इसी बीच सूरजपुर जिले में मानव तस्करी का मामला सामने आया है..
दरअसल, सूरजपुर ज़िले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र बिहारपुर में 52 मजदूर को तमिलनाडु ले जाते बस को स्थानिय ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस थाने लाया.. बस में 32 नाबालिग मजदूर थे.. बताया जा रहा है कि बस में बिहारपुर क्षेत्र के साथ मध्यप्रदेश के सिंगरौली, उत्तर प्रदेश और बलरामपुर जिले से भी लोग सवार है.. जिन्हें तमिलनाडु राज्य में रोजगार दिलाने के लिए ले जाया जा रहा था.. जहां ग्रामीणों को बस संदिग्ध लगने पर रुकवाकर पुछताछ कर स्थानिय थाने ले आए.. इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई.. और अब जिले के बाल संरक्षण अधिकारी व उनकी टीम जांच मे जुटी हुई है.. वहीं नाबालिग बच्चों को कोरिया बाल विभाग में ले जाया गया है..
गौरतलब है कि बिहारपुर क्षेत्र मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है.. और रोजगार के नाम पर लंबे अरसे से मानव तस्करी के मामले सामने आते रहते है.. इतना ही नही कोरोना के शुरुआती दौर में दूसरे राज्य से आए दो मजदूरों की कोरोना से मौत हो चुकी है.. लिहाजा फिर एक बार मानव तस्करी की घटना से पूरे क्षेत्र के जागरूक ग्रामीण आक्रोशित है.. मानव तस्करी को लेकर जिले के जांच नाका और पुलिस व प्रशासनिक कार्यशैली पर कई सवालिया निशान खङे होने शुरु हो गए है.. तो वहीं सूरजपुर जिले में रोजगार का अभाव ग्रामीणों की तस्करी होने की मजबूरी दिखा रहा है…