कठोर परिश्रम से सूखे को दिया मात

सरगुजा

न तालाब न टयूब वेल और उपर से सूखा फिर भी लह लहा रही रवि फसल
कांटो ग्राम में ग्रामीण महिलाएं कर रही धान एवं गेंहू फसल की खेती लहलहा रही फसल
कठोर परिश्रम से सूखे को दिया मात दूर नदी से पानी ढो कर सींच रही फसलों को
प्रदेश सरकार की उदासीन का दंश झेल रहे वनांचल ग्राम कांटो की ग्रामीण महिलाओं ने सूखे को मात देकर गेहू की सबसे अच्छी फसल उगाई है। उल्लेखनीय है की जहां एक ओर जिले में सूखे से हालात हैं और बारिश के अभाव में कई स्थानों की फसलें प्रभावित भी हो गई प्रशासन सूखे से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारीयां कर रहा है वहीं ग्राम कांटो में गेंहू की फसल न केवल लहलहा रही है बल्कि कुछ ही समय में फसल में बालियां भी आ जावेंगी हैं। वहीं ग्राम के कुछ लोग गर्मी मौसम के धान का थरहा भी कर चुके है ।  उल्लेखनीय है की खरीब सीजन के में फसल बारिश के कारण फसल तबाह होने के कारण ग्राम वासीयों को आनाज का संकट उत्पन्न हो गया था इस कारण इस बार ग्राम की महिलाओं ने खेती करने का बीड़ा उठाया है और ग्राम के पुरूष वर्ग भी उनके इस कार्य में पूरा सहयोग कर रहे है।

विषम परिस्थतीयों में जी रहे जीवन
ग्राम कांटो सोनहत विकासखंड के छोटे ग्रामों में गिना जाता है और यहां तक पहुचना इतना आसान नही है। रास्ते इतने भीषण है की चार पहिया वाहन प्रवेश नही कर सकते और चारों ओर घने पहाड़ों के बीच यह ग्राम बसा है। ग्रामीणों ने बताया की 35 किलोमीटर पैदल चल कर ग्राम बंशीपुर राशन लेने जाते है और कंधों में ढो कर लाने के कारण एक बार में पूरा राशन नही ला पाते है। गांव में एक ही हैंड पंप है जिसमें अभी काफी देर के बाद पानी आता है और पहले तो उसमें पानी ही नही आता था।  ग्राम के पास ही गोयनी नदी है जिसके पानी से ग्रामीण खेती कर रहे है। हलाकी नदी की दूरी ग्राम से लगभग 1 किलोमीटर दूर है और ग्रामीणों के पास सिंचाई के लिए पंप पाईप आदि कुछ भी नही इसकारण पिछली फसल प्रभावित हो गई थी। लेकिन इस बार महिलाओं की मेहनत ने सूखे के साथ साथ सभी बातों को दरकिनार कर दिया और कठोर परिश्रम कर गर्मी में भी गेंहू की फसल उगा कर जहां चाह वहां राह की बात को चरितार्थ कर दिया है।

खाद भी खुद के मेहनत से
कांटो ग्राम की सड़क खस्ताहाल होने के कारण न तो कृषि अधिकारी ही यहां पर जायजा लेने पहुच पाते है और न ही ग्राम जन सोनहत विकासखंड मुख्यालय पहुच कर खाद का सुमचित उठाव कर पाते है इस कारण यहां पर ज्यादातर जैविक खाद का ही उपयोग होता है कांटो की महिला कविता यादव ने जानकारी देते हुए बताया की ग्राम स्तर पर ही खाद की व्यवस्था करके खेतों में डाला जाता है जिससे उत्पादन अच्छा होता है ।

छा गई हरियाली
वनांचल ग्राम कांटों में किसानों की मेहनत का आलम यह है की ग्राम के आस पास हरियाली ही हरियाली नजर आती है गेंहू की फसल से अच्छादित ग्राम के लागों ने नदी किनारे धान का थरहा भी कर दिया है।
सी ई ओ को सुनाई व्यथा
पूछे जाने पर कांटो की महिलाओं ने बताया की खेती के संबंध में अभी तक कुछ भी सरकारी मदद नही मिला है। कृषि विभाग का कोई भी अधिकारी कर्मचारी आज तक यहां नही पहुचा। महिलाओं ने बताया की दो दिवश पुर्व सोनहत के सी ई ओ साहब आए थे जिनसे सिंचाई के लिए एक पंप की मांग की गई थी जिस पर उन्होने कृषि विभाग से बात कर पंप दिलाने को कहा है।