अम्बिकापुर। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा ने महामाया पहाड़ में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाए जाने के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा भाजपा पार्षद सस्ती लोकप्रियता और पार्टी में अपना वजूद बनाये रखने के लिए समय समय पर इस तरह की बातें करते रहते हैं, मगर प्रमाण मांगने पर चुप्पी साध लेते हैं।
उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2020 में भी पार्षद आलोक दुबे ने इस तरह का बयान दिया था, तब मैंने उन्हें आरोप प्रमाणित करने की चुनौती दी थी। नगर निगम की सामान्य सभा मे राशन कार्ड के बहाने यह मुद्दा उठा था। तब भी उनसे कोई तथ्य या प्रमाण मांगे गए, उन्होंने चुप्पी साध ली। प्रशासन पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि निगम की सभा में जिन 17 व्यक्तियों का जिक्र आया। उनमें से कोई रोहिंग्या नहीं है। अब एक बार फिर वे बिना तथ्य के आरोप लगा समाज मे भ्रम और विभेद फैला रहे हैं तो स्वास्थ्य मंत्री को आगे आना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने स्वयं प्रशासन को जांच करने का निर्देश दिया है।
नगर निगम के वरिष्ठ एमआईसी सदस्य श्री मिश्रा ने पूछा कि बंग्लादेश, म्यांमार, फिलीपींस के रोहिंग्या का भारत की सीमा में प्रवेश केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित किया है। केंद्र में पिछले सात साल से नरेन्द्र मोदी की सरकार है ऐसे में यदि देश के किसी भी हिस्से में रोहिंग्या बस रहे हैं तो यह किसकी नाकामी है…? आलोक दुबे भाजपा के वरिष्ठ पार्षद हैं उन्हें पता है कि एनआईए जांच का आदेश केंद्र की सरकार करती है और केंद्र में उनकी ही पार्टी की सरकार है, उनकी रुचि जांच में नहीं बल्कि राजनीति करने में है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी महामाया पहाड़ के संरक्षण और उसके मूल स्वरूप के संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार बनने के बाद ही वहां आक्सीजन पार्क विकसित किया गया है। अतिक्रमण की शिकायत पर जांच कराई जा रही है। प्रदेश में 15 वर्षों तक भाजपा सत्ता में थी मगर कभी भी महामाया पहाड़ की चिंता नहीं किया, बल्कि उनके नेता अतिक्रमणकारियों के संरक्षक बने रहे।