रायपुर
उद्योग मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने आज यहाँ एक निजी होटल में सौर ऊर्जा पर आधारित कार्यशाला का शुभारम्भ किया। इस कार्यशाला का आयोजन प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। श्री अमर अग्रवाल ने कहा कि सौर ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है इस क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए ये आवश्यक है कि इससे सम्बंधित सभी उपकरणों का निर्माण प्रदेश में हो । देश में सौर मिशन के तहत 2022 तक 1 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है । इसकी पूर्ति के लिए तकनीकी उपकरणों की भारी मात्रा में जरुरत होगी। आज हम इससे जुड़े सभी उपकरण अन्य देशों से आयात करते हैं। देश और प्रदेश में होने लगे तो यह देश और प्रदेश की आर्थिक उन्नति में उल्लेखनीय योगदान होगा।इससे हमारा प्रदेश न केवल आर्थिक रूप से सबल होगा बल्कि हम सौर ऊर्जा के क्षेत्र में खुद को भी स्थापित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यद्यपि हम ऊर्जा के क्षेत्र में सर प्लस हैं लेकिन हमारा लक्ष्य हैं कि हम अपनी प्रगति के साथ अपने पड़ोसी राज्यों की प्रगति में भी भागीदार बनें । उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री की इच्छा है कि मेक इन इंडिया के तहत देश में ही सौर ऊर्जा से जुड़े सभी उपकरणों का निर्माण हो। उनके इस स्वप्न को साकार करने हम सभी को अपना योगदान देना होगा । सौर मिशन में अपना योगदान देने के लिए तकनीकी रूप से कुशल मानव संसाधन के विकास के लिए प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जायेंगे इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और सौर क्षेत्र में राज्य आत्म निर्भर भी होगा।
निवेशकों का स्वागत करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा एक सकारात्मक और सुविधाजनक माहौल दिया है। इसलिये छत्तीसगढ़ निवेशकों और उद्यमियों के लिए पसंदीदा राज्य है । श्री अग्रवाल ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने उद्यमियो और निवेशकों को बढ़ावा देने साल दर साल सुविधाओं में वृद्धि की है । राज्य शासन और विभाग के प्रयासों का ही नतीजा है कि इज ऑफ डूइंग बिजनस में छत्तीसगढ़ का स्थान पूरे देश में चौथा है।नया राज्य होने के बावजूद राज्य ने आर्थिक ,औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्रों में आशाजनक प्रगति की है ।सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने क्रेडा के सहयोग से अधिकतर शासकीय भवनों में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जा रही है।श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार राजनांदगांव में लैंको के सहयोग से 250 एकड़ में विशेष आर्थिक जोन (एस ई जेड ) का विकास कर रही है।इसके लिए प्रदेश ने लैंको के साथ 2 हजार करोड़ का एम् ओ यू भी किया है ।
कार्यशाला में उद्योग विभाग के सचिव श्री सुबोध सिंह ने कहा कि सौर ऊर्जा का उत्पादन जितना अधिक होगा इसके मूल्य में भी कमी आएगी। सौर ऊर्जा नवीनीकरण योग्य ऊर्जा का बड़ा स्रोत है। उन्होंने कहा कि जर्मनी में कुल ऊर्जा खपत का 45 प्रतिशत हिस्सा नवीनीकरण ( रिन्यूएबल एनर्जी) योग्य ऊर्जा का है जिसमे सौर ऊर्जा का बड़ा हिस्सा है ।निवेशकों को संबोधित करते हुए श्री सुबोध सिंह ने कहा कि सौर ऊर्जा का क्षेत्र नया क्षेत्र है और सरकार के लिए प्राथमिकता आधारित सेक्टर है। इसलिए इस क्षेत्र में निवेश करना काफी फायदेमंद है। प्रदेश में उद्योगों व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ऊँची इमारतों में भी सौर ऊर्जा के उपयोग की काफी संभावनाएं हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय उर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के सीईओ श्री एस के शुक्ला ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि हमने सौर ऊर्जा उत्पादन की यात्रा की शुरुआत बहुत छोटे स्तर पर की थी ।लेकिन धीरे धीरे अपने दृढ निश्चय और राज्य शासन की प्रतिबद्धता के कारण प्रदेश के 17 हजार गाँव और मजरे टोलों को सौर ऊर्जा से रौशन किया है।प्रदेश में विनिर्माण की क्षमता बढ़ने से इस क्षेत्र में और प्रगति होगी । कार्यशाला में उद्योग विभाग के संचालक श्री कार्तिकेय गोयल ,सी एस आई डी सी के प्रबंध निदेशक श्री संजय मिश्र सहित उद्योग विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी और देश और प्रदेश के अनेक निवेशक और उद्यमी उपस्थित थे ।