रायपुर : सिविल लाइन्स स्थित चिप्स भवन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित की गई, इस वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सहभागिता की। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वर्ष 2025 तक भारत को क्षयरोग (टीबी) मुक्त करने के लक्ष्य पर राज्यों के स्वस्थ्यमंत्रियों से चर्चा की। बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रेजेंटेशन भी दिखाई गई जिसमें कुपोषण, भीड़ वाली जगह, कमजोर रोगप्रतिरोधक क्षमता को टीबी के प्रसार की मुख्य वजह मानकर इनपर चर्चा की गई।
इसके साथ ही वर्तमान में टीबी की गिरती दर 3% और वर्ष 2025 तक लक्ष्य प्राप्ति के लिए निर्धारित 15% की दर पर भी विचार-विमर्श हुआ। वहीं जनवरी 2021 से जुलाई 2021 तक टीबी पर नियंत्रण पाने के लक्ष्य प्राप्ति में देश 67% और छत्तीसगढ़ 50% पर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिखाई गई प्रेजेंटेशन के अनुसार टीबी के उपचार के लिए 90% की लक्ष्य सीमा निर्धारित की गई थी, जिसमें देश ने औसत 81% प्राप्त की है और छत्तीसगढ़ 83% पर रहा है। पोषण योजना के क्रियान्वयन में देश का औसत 57% और छत्तीसगढ़ 49% पर रहा है।
हर जिले में कम से कम दो ट्रुनेट मशीनें टीबी की जाँच में प्रयोग करने का प्रयास है- स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने इस बैठक को संबोधित करते हुए सबसे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को नव दायित्व के लिये शुभकामनाएं व्यक्त की। इसके उपरांत उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में टीबी रोकथाम की स्थिति निर्धारित लक्ष्य के अपेक्षाकृत अच्छी नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से हमारी गतिविधियां प्रभावित हुई है लेकिन इसे बहाना नहीं बनाया जा सकता, हमें काम करना है और काम करने के विषय में हम लोगों ने एक एक्शन प्लान तैयार किया है। जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मार्गदर्शन मिल रहा है। वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर मिलाकर 18,233 एक्टिव केस हैं, प्राइवेट सेक्टर में 3,919 केस हैं और इन्हें अपडेट करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पास जो उपलब्ध ट्रूनेट मशीन है बड़े पैमाने पर हमने कोरोनावायरस में टेस्टिंग लगाई हैं। 160 के ऊपर जो हमारे पास ट्रू नोट मशीन है, अब कम से कम हर जिले में औसतन दो मशीनें टीबी की जांच के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, यह प्लान एक्शन एक्टिव केसेस ढूंढने के लिए बनाया है। 1 सितंबर से लेकर 15 अक्टूबर तक का इसमें कम्युनिकेशन जिला स्तर पर माइक्रो प्लान बनाने के लिए फॉर्मेशन ऑफ ट्रेनिंग एंड फील्ड लेवल मीडिया सेंट्रलाइजेशन, इंगेजमेंट ऑफ पीआरए, मेंबर इंगेजमेंट ऑफ टी बी चैंपियंस, डोर-टू-डोर सैंपल टेस्टिंग इत्यादि के सुझाव दिये गये हैं। इसके साथ ही श्री सिंहदेव ने महीने में दो बार राज्य के साथियों के साथ विभाग के साथ समीक्षा करने की जवाबदारी को स्वीकार करते हुए कहा कि हमने प्लान किया है कि छत्तीसगढ़ में दो टीबी सर्वाइवर को आईडेंटिफाई करके और उनको एंबेसडर या प्रेरक के रूप में जन-जागरूकता के लिए सुनिश्चित किया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने आगे कहा कि नई गाइडलाइंस के हिसाब से मैनेजमेंट का ड्रग रेजिस्टेंट और टी बी प्रिवेंशन थेरेपी का 1 बैच 26 और 27 अगस्त को पूरा किया जा चुका है। प्रोग्राम मॉनिटरिंग के संदर्भ में विभाग समय समय पर समीक्षा कर रहा है। एमडी-एनएचएम के माध्यम से 20 अगस्त को रिव्यू ईसीएस 20-21 फरवरी को किया गया, मेडिकल कॉलेज का फरवरी 2021 और अगस्त 2021 को समीक्षा की गई। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जानकारी दी कि शेल्टर होम्स में टीबी कि स्क्रीनिंग में सर्वाधिक प्रतिशत 12% का आया है, प्रेजेर इनमेट्स में 5% माइंस में 3% शेष एक है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हम सभी को और अधिक काम करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को आश्वस्त किया कि इस जवाबदारी को हम पूरी गंभीरता से लेंगे और टी बी मुक्त भारत कार्यक्रम में आपके सहभागी के रूप में काम करेंगे। इस बैठक में अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारीगण उपस्थित रहे एवं सभी ने अपनी ओर से टीबी मुक्त भारत के लिए सुझाव दिए।