Raipur News: राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को निलंबित कर दिया गया है। इसकी जानकारी राज्य शासन ने दी है। जानकारी ये भी हैं कि सौम्या चौरसिया के ऑफिस में पदस्थ सभी स्टाफ को भी हटाया गया हैं। बता दें कि आदेश के मुताबिक उन्हें निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। राज्य शासन ने इसका आदेश 15 दिसंबर को ही जारी कर दिया था
बता दें कि, सौम्या चौरसिया को ईडी ने कोयला घोटाला मामलें में 2 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। 12 दिनों बाद सौम्या को बीते 14 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से उन्हें 19 दिसंबर तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। अब सौम्या को निलंबित कर दिया गया हैं।
बीते कई महीनों से छत्तीसगढ़ में ईडी और आईटी की सक्रियता लगातार देखी जा रही थी। पिछले जून माह से कोयला और परिवहन से जुड़े लोगों पर ईडी की नजर बनी हुई थी। कई प्रशासनिक अधिकारी पर ईडी का शिकंजा पड़ा। इसी बीच CMO में पदस्थ सौम्या चौरसिया भी ईडी के शिकंजे में आयी।
ईडी ने अदालत को जो जानकारी दी थी। उस जानकारी के मुताबिक कोयला मामलें के अवैध वसूली में तमाम अधिकारियों के साथ साथ सौम्या का अहम किरदार था। ईडी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 156 करोड़ की संपत्तियों को भी जब्त किया है। ईडी के अनुसार मनी लांड्रिंग तो की ही गई, लेकिन साथ ही कोयला मामले में हो रही अवैध वसूली से आ रही रकम का निवेश संपत्तियों में किया गया, जिनकी संपत्ति जब्त की गई है।
जिनकी संपत्ति जप्त हुई हैं। उनमें सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकान्त तिवारी, सुनील अग्रवाल और निलंबित IAS समीर बिश्नोई और सौम्या चौरसिया भी हैं।
बता दें कि, सौम्या चौरसिया को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया था। जहाँ उसकी न्यायिक रिमांड भी बढ़ा दी गयी हैं, सौम्या इस वक़्त रायपुर के सेंट्रल जेल बंद है। कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा हैं, अब सीधे 2 जनवरी दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।