रायपुर। पुलिस की छवि सुधारने के लिये इंपैक्ट पुलिसिंग की जरूरत है। इंपैक्ट पुलिसिंग तभी होगी जब थाना आने वाला फरियादी संतुष्ट हो और उसके साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाये। उक्त बातें डीजीपी डीएम अवस्थी ने प्रदेश के थानेदारों को संबोधित करते हुये कहीं। प्रदेश के थानों की कार्यप्रणाली में सुधार हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में थानेदारों को कानून-व्यवस्था कायम रखने, अनुशासन, अपराधों में रोकथाम, अपराध घटित होने के बाद त्वरित कार्रवाई, सूचनाओं का संकलन, मीडिया, जनप्रतिनिधियों से व्यवहार के संबंध में और कानूनों में संशोधन के विषय में प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये डीजीपी श्री अवस्थी ने कहा कि थाना पुलिस व्यवस्था की मूल इकाई है। इंपैक्ट पुलिसिंग के लिये सभी थानेदारों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिये। थाने के समस्त स्टाफ का आचरण और नागरिकों के प्रति व्यवहार को सुधारकर ही पुलिस की छवि को बदला जा सकता है। यदि फरियादी थाना आता है तो उनका अनुभव बेहतर होना चाहिये। आप लोगों को नागरिकों से फीडबैक लेना चाहिये। सभी थानेदारों को कोशिश करनी चाहिये कि उनका थाना आदर्श थाना के रूप में पहचाना जाये। थानेदारों के लिये प्रत्येक माह इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा।
कार्यशाला में आईजी सुशील चंद्र द्विवेदी, उप निदेशक छग पुलिस अकादमी डॉ संजीव शुक्ला , कमांडेंड प्रखर पांडे, एआईजी यूबीएस चौहान उपस्थित रहे।