रायपुर: राम सेतु के केंद्र के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को देश से माफी मांगने को कहा हैं, सीएम ने कहा कि इनका चरित्र ही हैं “राम नाम जपना पराया माल अपना”, बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को संसद में राम सेतु के पुख्ता सबूत नही होने की बात कही थी। सरकार ने संसद में कहा था कि भारत और श्रीलंका के बीच रामसेतु होने के पुख्ता सबूत नही हैं, सेटेलाइट इमेज में आईलैंड चूना पत्थर दिखे हैं। इसी के जवाब में सीएम बघेल ने कहा कि जब कांग्रेस सरकार में ये बात कही गई थी तब हमे राम विरोधी करार दिया गया था, अब उनकी सरकार सदन में कहते हैं पुख्ता सबूत नही हैं, इनको किस श्रेणी में रखा जाए?
सीएम ने भारतीय जनता पार्टी के इस बयान पर देश से माफी मांगने को भी कहा, उन्होंने कहा कि देशवासियों को गुमराह किया गया हैं, इस बयान से खुद कटघरे में खड़े हो गए हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
बता दें कि राम सेतु को लेकर समय समय पर बहस होते रहती हैं। इसकी विश्वसनीयता को लेकर हमेशा सवाल उठाए जाते है, इस बार भी जब संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा में रामसेतु से सम्बंधित सवाल किया, तो उसी के जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राम सेतु के पुख्ता सबूत न होने की बात कही। इस बयान के बाद से ही सोशल मीडिया वाद विवाद शुरू हो गया हैं, क्योंकि राम सेतु कई भारतवासी के आस्था का विषय हैं।
राम नाम जपना पराया माल अपना
इसी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि “यदि सच में राम भक्त होते तो अपने सरकार के खिलाफ आलोचना करते” आलोचना नहीं कर रहे हैं। इसका मूल चरित्र यही है कि कैसे भी इनका काम हैं “राम नाम जपना पराया माल अपना”
राम सेतु को लेकर कांग्रेस की प्रेसवार्ता
इधर इसी विषय को लेकर कांग्रेस संचार विभाग ने प्रेस वार्ता ली। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान श्री रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले हैं, लेकिन कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है। वही प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में टीआर बालू साहब जहाजरानी मंत्री थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 जुलाई 2020 को एक पत्र लिखकर यह स्वीकार किया कि अटल बिहारी सरकार में जहाजरानी मंत्री होने के नाते सेतु समुद्रम योजना बनाई थी। इसका शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।