CG News: CM हाउस कूच करने निकले प्रदेश के किसान, बीच रास्ते में दल बल के साथ पुलिस ने रोका, किसानों की समस्या के लिए गठित मंत्रिमंडल नदारद!

रायपुर. अपनी तमाम मांगो को लेकर प्रदेश के किसान आज राजधानी रायपुर में इकट्ठे हुए हैं। नया रायपुर तूता धरना स्थल से बड़ी संख्या में CM हाउस घेराव करने किसान निकले। बीच रास्ते में किसानों को पुलिस ने रोका। कृषि विश्वविद्यालय के पास पुलिस ने रोका जिसके बाद सड़क के किनारे बैठकर किसानों ने आक्रोश दिखाया। किसानों का कहना है कि कैबिनेट मंत्रियों की कमिटी का आदेश का पालन नहीं हो रहा है। 27 गांवों में से 11 गाँव में बसाहट का पट्टा देने का आदेश किया गया था जिसका पालन नहीं हो रहा है। क्रय विक्रय प्रतिबंध हटाने के बावजूद कमेटी का आदेश का पालन नहीं हो रहा है।

किसान मोर्चा संघ के अध्यक्ष रूपन लाल चंद्राकर ने बताया कि हमारे साथ छल हुआ है, एक के बाद एक बैठक सभी बैठकों में मात्र झूठा आश्वासन दिया गया। किसानों की समस्या के समाधान के लिए गठित मंत्रिमंडलीय समिति के आदेश का पालन धरातल पर नहीं हो रहा है। इसी माँग को लेकर आज CM हाउस बात करने निकले थे लेकिन हमें रास्ते में रोक लिया गया है। अभी तो हम सड़क में बैठे है आगे क्या करना है कमिटी के सभी सदस्य बैठकर तय करेंगे।

• मंत्रिमंडलीय कमेटी के आदेश का पालन नहीं

1. 27 गांवों में से 11 गांवों में बसाहट का पट्टा देने का आदेश दिया गया है।

2. 60 प्रतिशत बेरोजगारों को नवा रायपुर क्षेत्र में रोज़गार देने का प्रावधान किया गया है।

3. प्रतिबंधित 27 गांवों में से 13 गाँव से भूमि क्रय विक्रय से प्रतिबंध हटाया है।

4. व्यवसाय रोज़गार के लिए गुमटी, दुकाने, चबूतरा 75 प्रतिशत प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने का आदेश दिया गया। इन सभी आदेशों का धरातल पर क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है इसीलिए हम सब प्रभावित किसान आक्रोशित हैं।

साथ ही बताया कि पुनर्वास संबंधी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्ष 2006-2022 तक आदेशित नीति योजना विशिष्ठ पुनर्वास कार्यक्रम एवं मुआवज़ा अप्राप्त किसानों को लेयर दो तीन में भूमि के बदले भूमिका वास्तविक धरातल पर क्रियान्वयन किया जाए।

2004-05 में नया रायपुर क्षेत्र में ज़मीन ख़रीदने बेचने की मंडी लगती थी जहाँ 23-25 लाख प्रति एकड़ वास्तविक बाज़ार मूल्य में हज़ारों ख़रीदारी की लाइन लगी थी लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस मूल्य से अधिक मूल्य देने और पुनर्वास योजना से ही तो बंद करने का हवाला देकर स्वतंत्र भूख विक्रय में प्रतिबंध लगा दिया। अब नया रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी नामक भू माफ़िया एक मात्र क्रेता बनकर दबाव, छल पूर्व मात्र चार लाख एकड़ की दर से बिना पुनर्वास योजना दिये ज़मीनों की रजिस्ट्री करना आरंभ कर दिया। सुरवात सही किसानों को 20 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से घाटा हुआ है इसलिए पुनर्वास योजना के तहत पूर्व आदेश सहित विकसित भूखंड प्राप्ति सुनिश्चित किया जाए।