छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में चल रहा विवाद क्लाइमेक्स की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सोमवार को ही दिल्ली पहुंच गए हैं। दोनों की आज राहुल गांधी से मुलाकात होनी है। बताया जा रहा है कि दोपहर में इस मुलाकात का समय तय हुआ है। हालांकि, दोनों नेता राहुल गांधी के निवास पर पहुंच गए हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिल्ली पहुंचने के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया से बात की है। पीएल पुनिया ने ही राहुल गांधी से मुलाकात का समय तय किया है।
बैठक में भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव के साथ पीएल पुनिया और केसी वेणुगोपाल भी शामिल होंगे। हालांकि, कल दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, उन्हें किसी दूसरे के बैठक में शामिल होने की जानकारी नहीं है। दिल्ली में हो रही इस हाइप्रोफाइल बैठक में सुलह का क्या फॉर्मूला निकलता है। प्रदेश में ढाई-ढाई साल के CM के फॉर्मूले पर अंतिम फैसले की भी उम्मीद है। इस बैठक पर पूरे प्रदेश की निगाह है। बताया जा रहा है कि यह बैठक कांग्रेस की आंतरिक राजनीति की दिशा भी तय करेगी।
पिछले महीने विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक पहले विधायक बृहस्पत सिंह ने टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया था। इन आरोपों से सिंहदेव इतने दुखी हुए थे कि उन्होंने आरोपों के संबंध में सरकार की ओर से सफाई आए बिना विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था।
बाद में बृहस्पत सिंह ने आरोपों के लिए सदन में माफी मांगी। सरकार की ओर से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा- सिंहदेव पर लगाए गए आरोप निराधार थे। उसके बाद ही सिंहदेव वापस लौटे। उसके बाद सिंहदेव दिल्ली जाकर अपनी बात रख आए थे। इसके बाद ही राहुल गांधी ने दोनों नेताओं को बुलाकर आमने-सामने बात करने का फैसला किया है।
सत्ताधारी कांग्रेस के शक्ति केंद्रों में टकराव अब सभी को दिखने लगा है। अम्बिकापुर में जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन के उद्घाटन के दौरान यह स्पष्ट दिखा। सरगुजा के प्रभारी मंत्री के तौर पर लोकार्पण के लिए संगठन ने प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत को भेजा। टीएस सिंहदेव के समर्थकों ने वहां राजीव भवन का फीता पहले ही कटवा दिया।
विवाद प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के समझौते को लेकर भी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव दोनों ऐसे किसी समझौते से फिलहाल इंकार कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा राजनीतिक दांव-पेंच से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की चर्चा को बल मिल रहा है।