रायपुर 08 जनवरी 2014
तम्बाकू केे सेवन से होने वाली विभिन्न बीमारियों से बचाव एवं इसके हानिकारक प्रभावों से आने वाली पीढ़ियों को मुक्त रखने के लिए राष्ट्रीय तम्बाखू नियंत्रण कार्यकम के क्रियान्वयन पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.आर. सोनवानी ने बताया कि रायपुर जिले के 50 स्कूलों में इस संबंध में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें। इस अवसर पर कार्यशाला में डॉ. रविन्द्र कुमार और राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन द्वारा टोबेको बर्डन इन इंडिया एण्ड छत्तीसगढ़ तथा ओव्हर व्यू ऑफ नेशनल टोबेको कंट्रोल प्रोग्राम इन इंडिया विथ फोकस ऑन स्टेट ऑफ छत्तीसगढ पर पॉवर पाइंट प्रेजेन्टेशन दिया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री रमेश शर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख उपस्थित थे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.आर. सोनवानी ने बताया कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का प्रदेश में रायपुर एवं बिलासपुर जिले में शुरूआत की जा रही है। तम्बाकू और उससे जुड़े उत्पादों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों को जन-जन तक पहुंचाकर इस संबंध में जागरूकता लायी जा सकती है। उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चों को तम्बाकू के सेवन से मुक्त रखने के लिए जिले के 50 स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इन स्कूलों में तम्बाकू सेवन से दूर रहने तथा इससे होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा इस कार्य में सहयोग के लिए एन.सी.सी. तथा एन.एस.एस. के छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्य में स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय समिति स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया जा चुका है। जल्द ही टोबेको सेल का भी गठन किया जाएगा।
कार्यशाला में डॉ. रविन्द्र कुुमार ने इस संबंध में बनाए गए कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों जैसे शासकीय कार्यालय, होटल, बस स्टैण्ड, सिनेमा घरों आदि में धुम्रपान करना प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित क्षेत्र में धुम्रपान करने पर दो सौ रूपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। शैक्षणिक संस्थाओं के परिसर के सौ गज के भीतर तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। इसी प्रकार तीस से अधिक कमरे वाले होटलों, ढाबों एवं रेस्टोरेंट आदि में स्मोकिंग जोन बनाना जरूरी है। 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को तम्बाकू बेचना अपराध है। जहां तम्बाकू उत्पाद विक्रय किए जाते हैं, वहां इसके हानिकारक प्रभाव के संबंध में बैनर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना है। इसी प्रकार कुछ परिस्थितियों को छोड़कर सिगरेट, तम्बाकू और उससे जुड़े उत्पादों का प्रत्यक्ष या परोक्ष विज्ञापन प्रतिबंधित हैं। फिल्मों में भी इस प्रकार के विज्ञापन नहीं दिखाए जा सकते।
उन्होंने बताया कि जहां ये उत्पाद बिकते हैं वहां पर उत्पादों के संबंध में निर्धारित साइज से बड़े साइज के बोर्ड नहीं लागाए जा सकते। तम्बाकू नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। तम्बाकू नियंत्रण के संबंध में नियमों के उल्लंघन पर इसकी जानकारी टोल फ्री नम्बर 1800110456 पर दी जा सकती है। सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान पर रोक लगाने और इस संबंध में जागरूकता के लिए सभी शासकीय कार्यालयों में और सार्वजनिक स्थानों पर निर्धारित प्रारूप के अनुसार साइन बोर्ड लगाना होगा। स्कूल, कालेजों में विद्यार्थियों को इस संबंध में प्रशिक्षण तथा पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार आवश्यक है। तम्बाकू उत्पाद से जुड़े ब्यक्तियों को अन्य वैकल्पिक रोजगार से जोड़ा जा सकता है।
कार्यशाला में जानकारी दी गई कि भारत में 35 प्रतिशत लोग तम्बाकू और अन्य उत्पाद का सेवन करते हैं। छत्तीसगढ़ में 53 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं वहीं 15 वर्ष के 28.3 प्रतिशत बच्चे तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं। तम्बाकू के सेवन से ओरल कैंसर, फेफड़े की बीमारियों के साथ ही विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो रही हैं। तम्बाकू के सेवन से प्रजनन शक्ति में भी कमी आती है। कार्यशाला में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के संबंध में विभिन्न विभागों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।