रायपुर : मुख्यमंत्री ने किया राष्ट्रीय उद्योग-व्यापार मेले का शुभारंभ

लघु, मध्यम और कुटीर उद्योगों पर केन्द्रित मेले में लगे पांच सौ से ज्यादा स्टाल

         उद्योग-व्यापार से मिलेंगे रोजगार के व्यापक अवसर : डॉ. रमन सिंह

रायपुर, 11 जनवरी 2014

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे किशोरावस्था वाले राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में उद्योग व्यापार जगत की भागीदारी बहुत जरूरी है।व्यापार व्यवसाय और उद्योग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके माध्यम से किसी भी देश और समाज में रोजगार के व्यापक अवसर भी विकसित होते हैं। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश में एक बेहतर औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए राज्य सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है और हाल के वर्षो में हमें इस दिशा में अच्छी कामयाबी भी मिली है। कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था को बेहतर बनाने में प्रदेश के मेहनतकश किसानों और उद्यमियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने अपनी उद्योग नीति में लघु, मध्यम और कुटीर उद्योगों को विशेष रूप से प्राथमिकता दी है।
मुख्यमंत्री आज राज्य के संभागीय मुख्यालय बिलासपुर के त्रिवेणी भवन परिसर में आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय उद्योग-व्यापार मेले का शुभारंभ करने के बाद समारोह में बड़ी संख्या में मौजूद उद्योगपतियों और निवेशकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर इंडस्ट्रीयल गाइड बुक का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सभी 27 जिलों में आजीविका प्रशिक्षण कॉलेज (लाइवलीहुड कॉलेज) खोलने की कार्य योजना तैयार कर ली है, जिस पर बहुत जल्द अमल शुरू किया जा रहा है।3328 Bccc दंतेवाड़ा में लगभग दो वर्ष पहले इसकी शुरूआत हो गयी है। उसी तर्ज पर इन आजीविका कॉलेजों में छत्तीसगढ़ के युवाओं को विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण देने के लिए अल्पकालीन पाठयक्रम संचालित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के युवाओं को मन पसंद व्यवसायों का प्रशिक्षण हासिल करने का अधिकार देने के लिए कौशल विकास अधिकार कानून भी लागू किया है। निकट भविष्य में युवाओं के कौशल विकास का एक बड़ा अभियान हम शुरू करने जा रहे हैं। प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का भी इसमें हम बेहतर उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली, सीमेंट और इस्पात जैसे कोर सेक्टर के उद्योगों का छत्तीसगढ़ में काफी विकास हुआ है। इसलिए अब हमारा लक्ष्य नॉन-कोर सेक्टर अथवा डाउन स्ट्रीम के उद्योगों को बढ़ावा देने का है। इसके लिए राज्य में आटो मोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, लघु वनोपज आधारित उद्योगों के विकास का रोड मैप तैयार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस मेले का आयोजन बिलासपुर जिला लघु एवं सहायक उद्योग संघ द्वारा राज्य सरकार के उद्योग विभाग तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विकास संस्थान, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक और अन्य संस्थाओं के सहयोग से किया गया है। मुख्यमंत्री ने मेले के विराट स्वरूप की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विगत 14 वर्षो से बिलासपुर में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय स्तर के इस मेले ने देश के औद्योगिक मानचित्र पर बिलासपुर सहित छत्तीसगढ़ की भी पहचान बनायी है। विगत 14 आयोजनों में से मुझे आज के आयोजन को मिलाकर 13 बार इस मेले में शामिल होने का सौभाग्य मिला है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री के रूप में भी मुझे एक बार इसमें आने का मौका मिला था। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस मेले की शुरूआत सिर्फ एक सौ स्टालों से हुई थी, जबकि आज यहां पांच सौ से ज्यादा स्टाल नजर आ रहे हैं। इस प्रकार मेले का स्वरूप लगातार बढ़ता जा रहा है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह मेला विशेष रूप से लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों पर केन्द्रित है। इसलिए छत्तीसगढ़ जैसे राज्य की दृष्टि से यह काफी उपयोगी है। छोटे उद्योग लगाने के इच्छुक नागरिकों को यहां काफी उपयोगी जानकारी मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2012-13 में छत्तीसगढ़ के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में राज्य के औद्योगिक विकास की दर 6.7 प्रतिशत थी, जबकि उसी अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर यह दर केवल 3.1 प्रतिशत के आस-पास रही। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि देश का नया राज्य होने के बावजूद छत्तीसगढ़ का औद्योगिक विकास देश के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा तेजी हुआ है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की दृष्टि से पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। एक सुव्यवस्थित कार्य योजना बनाकर उनका संतुलित दोहन किया जा रहा है। कृषि उपजों और लघु वनोपजों पर आधारित लघु और कुटीर उद्योगों के विकास की भी हमारे यहां व्यापक संभावनाएं हैं। इस दिशा में भी हाल के वर्षो में काफी कार्य हुए हैं। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार बेहतर वित्तीय प्रबंधन के जरिए समाज की अंतिम पंक्ति के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए वचनबद्ध है। सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को हम सर्वाधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश का पहला खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून बनाकर छत्तीसगढ़ ने राज्य के लगभग 48 लाख गरीब परिवारों को मात्र एक रूपए किलो में हर महीने 35 किलो चावल अथवा गेहूं देने की योजना शुरू कर दी है। किसानांे को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य नीति के तहत धान खरीदी की सर्वोत्तम व्यवस्था प्रदेश में की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण मुक्ति के साथ-साथ प्रदेश में शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु को कम करने में भी हमें सबके सहयोग से अच्छी सफलता मिल रही है। मुख्यमंत्री ने लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री हरिश केड़िया की मांग पर बिलासपुर के यदुनन्दन नगर स्थित नये औद्योगिक प्रक्षेत्र तक पहंुच मार्ग निर्माण जल्द करवाने का आश्वासन दिया और इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डॉ. रमन सिंह ने सम्मेलन में शामिल उद्यमियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर शुभकामनाएं दी। आयोजकों ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथ्यिों को भी स्मृति चिन्ह भेंट किया। शुभारंभ समारोह में प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा वाणिज्यिक कर मंत्री श्री अमर अग्रवाल, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले, छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, अध्यक्ष जिला पंचायत बिलासपुर श्रीमती अंजना मुलकुलवार, विधायक तखतपुर श्री राजूसिंह क्षत्री, महापौर नगर निगम बिलासपुर श्रीमती वाणी राव तथा छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम सहित विभिन्न राष्ट्रीयकृत और व्यावसायिक बैंकों के अधिकारी, लघु एवं सहायक उद्योग संघ के पदाधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों से आए उद्यमी तथा नागरिक उपस्थित थे।