शहीद वाटिका में समारोहपूर्वक दी गई श्रद्धांजलि
थल सेना दिवस हर वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाता है
वर्ष 1948 को इसी दिन लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करिअप्पा ने भारतीय थल सेना के कमाण्डर इन ची्फ का कार्यभार ब्रिटिश कमाण्डर सर फ्रांसिस बूचर से लिया था
रायपुर
थल सेना दिवस के 66 वीं वर्षगांठ के मौके पर देश की आन बान और शान पर मर मिटने वाले अमर शहीद जवानों को याद किया गया। राजधानी रायपुर के शहीद वाटिका में शहीद जवानों को समारोह पूर्वक श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर छत्तीसगढ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त की ओर से उनके परिसहाय द्वय श्री मिलिंद शर्मा और श्री प्रवीण शर्मा सहित छत्तीसगढ़ उड़ीसा के कमांडर श्री विकास रोहेला और एन.सी.सी. के ग्रुप कमांडर श्री आर.एस.कोचर ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर थलसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी उपथित थे।
राजीव स्मृति वन स्थित शहीद वाटिका में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में भारतीय थल सेना के विभिन्न लडाईयों और देश के बाहर विभिन्न अभियानों में शहीद जवानों के अप्रतिम साहस, और देश के प्रति उनके बलिदानों को याद किया गया। इस मौके पर सेना के जवानों ने शहीद जवानों के सम्मान में गार्ड आफ आनर भी दिया तथा दो मिनट का मौन भी रखा। छत्तीसगढ़ उड़ीसा सब एरिया के कमांडर कर्नल विकास रोहेला ने थल सेना दिवस पर जवानों को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी और जवानों को नई चुनौतियों के लिए स्वंय को पूरे समर्पण और कौशल के साथ तैयार रहने कहा। उन्होंने कहा कि विश्व युद्ध में भारतीय सेना को काफी प्रशंसा मिली इसके अलावा देश की सीमाओं की रक्षा का दायित्व भी पूरे साहस के साथ निभाया है। कुछ समय पूर्व उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन और विभिन्न कार्यों में सहायता और बचाव कार्य में उल्लेखनीय योगदान रहा है। श्रद्धांजलि समारोह में ए.सी.सी. के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर श्री आर.एस.कोचर ने कहा कि देश की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें आगे आना होगा और देश के तिरंगे के सम्मान के लिए भारतीय सेना की गौरवशाली परम्परा का निर्वहन करना होगा। उन्होंने इस मौके पर छत्तीसगढ़ में भूतपूर्व सैनिकों और युवाओं के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों को रेखांकित किया।
उल्लेखनीय है कि थल सेना दिवस हर वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1948 को लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करिअप्पा ने भारतीय थल सेना के कमाण्डर इन ची्फ का कार्यभार ब्रिटिश कमाण्डर सर फ्रांसिस बूचर से लिया था। इस दिन सैन्य परेड और विजय के सम्मान में पुष्प चक्र अर्पित करने के समारोह का आयोजन किया जाता है।